मजदूरी करने को मजबूर है यह पूर्व विधायक
रियल लाइफ की बात हो या फिर रील लाइफ की। अपने देश का कड़वा सच ये है कि नेताओं की अच्छी कहानियां शायद ही सुर्खियां बनती हैं। कई नेताओं की तो गुंडागर्दी के मामलों की लंबी लिस्ट मौजूद है। हमारे नेता जहां अकूत संपत्ति और आलीशान घरों को लेकर चर्चा में रहते हैं, इन्हीं बदनाम कहानियों के बीच एक विधायक की ऐसी कहानी सुर्खियों में है, जिसके तन पर पहनने को कपड़े तक नहीं है। वह एक झोपड़ी के घर में रहता है और मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है।
ईमानदारी की मिसाल
सोशल मीडिया पर वायरल फोटो में एक शख्स हाथ में फावड़ा लिए मजदूरी करता हुआ दिखाई दे रहा है। उसके तन पर कपड़े तक नहीं है और झाड़ियों के बीच में बनी एक झोपड़ी में रहता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह व्यक्ति कर्नाटक के पूर्व विधायक बाकिला हुकरप्पा हैं। लोगों का कहना है कि हुकरप्पा बेहद ईमानदार व्यक्ति है। 19 महीने तक विधायक रहने के बावजूद उन्होंने अपने लिए एक रुपया भी नहीं कमाया। इनके घर को देखकर कोई भी ये नहीं कह सकता कि ये एक पूर्व विधायक का घर है।
चंद महीनों में किया कमाल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हुकरप्पा ने वर्ष 1983 में राजनीति के मैदान में कदम रखा था। उन्होंने पहली बार में भाजपा के टिकट पर कर्नाटक की सुल्लिया विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने थे। अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने महज 18 महीनों में ही दो पीयू कॉलेज, पांच हार्इस्कूल, चार हॉस्टल, छह बड़े पुल और तीन सड़कों का निर्माण करवाया था।
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यही वो 18 महीने थे, जो बाकिला ने अपने क्षेत्र का विकास करने में झोंक दिए, लेकिन बदले में आज उनके पास खुद की छत तक नहीं है। 19 महीनों के दौरान उन्होंने ईमानदारी से सारा पैसा अपने क्षेत्र के विकास में लगा दिए।
मजदूरी करने को मजबूर
सत्ता का सुख भोगने के बाद शायद ही कोई नेता बाकिला जैसी जिंदगी गुजार रहा हो। यह पूर्व विधायक अपने परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करने को मजबूर है। हालांकि पूर्व विधायक होने की वजह से हुकरप्पा को 30 हजार रुपए महीने पेंशन मिलती है, लेकिन उनका परिवार इतना बड़ा है कि 30 हजार रुपए में खर्च नहीं चल पाता है। यही वजह है कि हुकरप्पा को अपने खेतों के साथ-साथ दूसरे के यहां भी मजदूरी करनी पड़ती है।
नहीं है अपना घर
हुकरप्पा अपनी पत्नी के मायके वाले घर में रहते हैं, उनके पास खुद का कोई घर नहीं है। हुकरप्पा ने अपने राजनीति काल के दौरान कई बार विदेश यात्रा भी की, लेकिन अब वे अपनी जिंदगी बेहद सादगी से जी रहे हैं। उन्होंने 21 साल अपनी पत्नी के मायके वाले घर में ही गुजार दिए। अब वे रबड़ के वृक्षों से लेटैक्स निकालने का काम करते हैं, जिससे वे महज 40 रुपए प्रति दिन का कमा पाते हैं। भारतीय राजनीति में हुकरप्पा जैसे नेता को देखकर लोगों का लोकतंत्र में भरोसा और बढ़ जाता है।
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