यारों दोस्ती बहुत ही हसीन हैं…ये जो न हो तो क्या जिंदगी है
हर साल अगस्त के पहले संडे को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाता है। इस साल 5 अगस्त को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जा रहा है। इस मौके पर आइये आज फ्रेंडशिप का इतिहास और इससे जुड़ी अन्य खास बातें जानते हैं…फ्रेंडशिप डे को बढ़ावा देने का क्रेडिट हॉलमार्क कार्ड्स के संस्थापक जॉइस हॉल को दिया जाता है।
पेरुग्वे में दुनिया का पहले फ्रेंडशिप डे मनाया गया
उन्होंने ही पहली बार 2 अगस्त, 1930 को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाने का आइडिया रखा था। लेकिन ग्रीटिंग कार्ड्स इंडस्ट्री के फायदे का कदम बताकर इसकी आलोचना की गई थी। वैसे पहली बार 30 जुलाई, 1958 को पेरुग्वे में दुनिया का पहले फ्रेंडशिप डे मनाया गया।
फ्रेंडशिप डे को आधिकारिक मान्यता मिली
दरअसल वर्ल्ड फ्रेंडशिप क्रूसेड नाम के एक एक संगठन ने 30 जुलाई, 1958 को पहला फ्रेंडशिप मनाने का प्रस्ताव रखा था।
वर्ल्ड फ्रेंडशिप क्रूसेड एक ग्लोबल सिविल आर्गनाइजेशन है जो दोस्ती के माध्यम से दुनिया में अमन-ओ-चैन की वकालत करता है। संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 2011 में घोषणा की कि 30 जुलाई को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाएगा। इसके बाद फ्रेंडशिप डे को आधिकारिक मान्यता मिली।
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विनी द पूह को पहला फ्रेंडशिप ऐंबैसडर घोषित किया गया। विनी को यह सम्मान 1998 में यूएन के सेक्रटरी जनरल कोफी अन्नान की पत्नी नने अन्नान ने दिया। कुछ देशों जैसे ब्राजील, अर्जेंटिना, इक्वाडोर और उरुग्वे में 20 जुलाई को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है।
महिलाओं के फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाता है
वहां भारत, यूएस और एशिया के ज्यादातर देशों की तरह अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के तौर पर नहीं मनाया जाता है। इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है कि एक दिन सिर्फ महिलाओं की दोस्ती को भी समर्पित है। वह दिन सितंबर का तीसरा रविवार है जिसको महिलाओं के फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाता है।
फरवरी साल का एक ऐसा महीना है जिस पूरे महीने को दोस्ती के महीने का दर्जा मिला हुआ है।दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो आदिकाल से चला आ रहा है। प्राचीन काल में भी कई लोगों की दोस्ती न सिर्फ मशहूर हुई बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी बनी। ऐसा ही उदाहरण कृष्ण और सुदामा की दोस्ती का भी है। ऐसे देखा जाए तो पहली बार अयोध्या में फ्रेंडशिप डे मनाया गया जब भगवान कृष्ण के पक्के मित्र सुदामा उनकी नगरी में लंबे सफर के बाद पहुंचे थे।साभार
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