किन्नरों का अंतिम संस्कार देखने पर है मनाही, रात के अंधेरे में शव के साथ किया जाता है ऐसा; जानें रहस्य
किन्नर, जिसकी एक दुआ के लिए तो हम तरसते हैं, जो आपकी खुशियों को दोगुना करते है। किन्नरों के बारे में आम लोग को बहुत कम ही जानकारी मिल पाती है।
इनकी दुनिया हमारी दुनिया से जितनी अलग होती है, इनके रीति-रिवाज़ और संस्कार भी उतने ही अलग होते है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब किसी किन्नर की मौत हो जाती है, तो उनका अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है।
अंतिम संस्कार की प्रक्रिया ऐसे शुरू होती है-
किन्नरों की मान्यता के अनुसार अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले, तो मरने वाले का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होगा। इनकी डेड बॉडी को जलाया नहीं जाता बल्कि दफनाया जाता है।
जूते-चप्पलों से पीटा जाता है शव को-
किन्नरों की शव यात्रा दिन के वक्त नहीं बल्कि रात के वक्त निकाली जाती है। शव यात्रा को उठाने से पहले शव को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है। इससे उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो जाता है। समुदाय में किसी भी किन्नर की मौत के बाद पूरा समुदाय एक हफ्ते तक भूखा रहता है।
आश्चर्य करता है कन्नर का यह सच-
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि किन्नर समाज अपने किसी सदस्य की मौत के बाद मातम नहीं मनाते। इसके लिए वह खुशियां मनाते हैं और अपने आराध्य देव अरावन से प्रार्थना करते है कि अगले जन्म में मरने वाले को किन्नर ना बनाएं।
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