कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने पेंशनधारकों को नए साल का बड़ा तोहफा दिया है. अब देश में किसी भी स्थान या बैंक से पेंशन प्राप्त करना संभव होगा. ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 के तहत यह सुविधा आज से लागू हो गई है.
यह कदम केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के कार्यान्वयन का नतीजा है, जिसे हाल ही में श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया और ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने मंजूरी दी थी. इससे लगभग 78 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा.
पुरानी व्यवस्था से थी परेशानी
अब तक ईपीएफओ के जोनल और क्षेत्रीय कार्यालय केवल तीन से चार बैंकों के साथ स्थानीय स्तर पर समझौता करते थे. ऐसे में सेवानिवृत्त कर्मचारी को अपने गृहनगर में पेंशन प्राप्त करने में कठिनाई होती थी.
सीपीपीएस के फायदे आसानी से पेंशन उपलब्ध
अब पेंशन सीधे उस बैंक खाते में जमा होगी जो पेंशनधारक ने दस्तावेजों में दर्ज कराया है. बैंक सत्यापन खत्म पेंशन शुरू होने के बाद सत्यापन के लिए बैंक शाखा जाने की आवश्यकता नहीं होगी. स्थानांतरण पर सुविधा अगर पेंशनधारक स्थान बदलता है या बैंक शाखा बदलता है, तब भी पेंशन में कोई बाधा नहीं आएगी.
पात्रता के नियम
कर्मचारी को ईपीएफओ का नियमित सदस्य होना चाहिए .
कम से कम 10 वर्ष की सेवा पूरी होनी चाहिए.
पेंशन 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर मिलेगी.
50 वर्ष की आयु के बाद कम दर पर पेंशन ली जा सकती है.
पेंशन को 60 वर्ष की आयु तक बढ़ाने पर हर साल 4% अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी.
सीपीपीएस से क्या होगा बदलाव ?
यह नई प्रणाली पेंशनधारकों को बिना किसी बाधा के देशभर में पेंशन प्राप्त करने की गारंटी देती है. साथ ही इससे ईपीएफओ को पेंशन भुगतान प्रक्रिया में आने वाली लागत में भी बचत होगी.