Electoral Bonds Row: कांग्रेस ने किया स्वागत, बीजेपी पर हमला

बॉन्ड का फ़ायदा BJP को

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देश में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम ने देश के सभी राजनैतिक दलों को बड़ा झटका दिया है. बता दें की कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द करने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राजनितिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आने लगीं हैं और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला भी कर रहे हैं.

राहुल ने बोला हमला-

कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को लेकर सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए कहा, “नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है. भाजपा ने Electrol Bond को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था.

सुरजेवाला का बयान-

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा की राहुल गाँधी ने तो पहले ही इसे खरिज करने के लिए कहा था. “कांग्रेस ने हमेशा से कहा था इलेक्टोरल बॉन्ड, खारिज किए जाना चाहिए. ये बीजेपी का स्कैम था. इलेक्टोरल बॉन्ड पर पीएम, वित मंत्री और जेपी नड्डा को जवाब देना चाहिए.”

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश?

फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 6 साल पुरानी योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देनी होगी. इसमें कहा गया कि जानकारी में यह भी शामिल होना चाहिए कि किस तारीख को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी. साथ ही पूरा विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग को एसबीआई की ओर से साझा की गई जानकारी 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी चाहिए.

क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड?

आपको बता दें कि केंद्र कि मोदी सरकार ने साल 2017 में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की घोषणा की थी. इसे 29 जनवरी 2018 से कानूनी रूप से लागू कर दिया गया था. तब तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि इस योजना का काम चुनावी चंदे में ‘साफ-सुथरा’ धन लाने और ‘पारदर्शिता’ बढ़ाने के लिए लाई गई है.

इलेक्टोरल बॉन्ड का फ़ायदा BJP को

गौरतलब है की इसका फ़ायदा सबसे जयदा सत्ताधारी पार्टी को होता है.और वही दल इसका सबसे ज्यादा फायदा उठाता है. ADR रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को 2021 -2022 में मिला है जो बढ़कर अब 5 हजार करोड़ के ऊपर हो गया है.

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