चुनावी बॉन्ड सरकारें गिराने और राजनीतिक दलों को तोड़ने वाला जबरन वसूली गिरोह- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड योजना का डेटा सार्वजनिक होने के बाद बीजेपी पर जमकर हमला है. उन्होंने कहा कि सरकारें गिराने और राजनीतिक दलों को विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया गया ये जबरन वसूली वाला गिरोह है. उन्होंने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के मुंबई के लिए रवाना होने से पहले महाराष्ट्र के ठाणे में जंभाली नाका पर लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही.
चुनावी बॉन्ड योजना वसूली गिरोह- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ”चुनावी बॉन्ड योजना एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का जबरन वसूली गिरोह है और जो लोग विरोध करते हैं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), सीबीआई और आयकर विभाग उनके पीछे पड़ जाते हैं. यह एक जबरन वसूली गिरोह है जिसका इस्तेमाल विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली सरकारों को गिराने और राजनीतिक दलों को विभाजित करने के लिए किया गया.”
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उन्होंने एकनाथ शिंद के नेतृत्व में शिवसेना में हुए विद्रोह और अजित पवार की अगुवाई में NCP में हुई बगावत का जिक्र करते हुए कहा, “क्या आपको लगता है कि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक मुफ्त में भाग गए हैं?” उन्होंने आगे कहा कि पिछड़े समुदायों, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और सामान्य वर्ग के गरीबों की आबादी 80 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन सरकारी व निजी क्षेत्रों में शीर्ष पदों पर उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है.
“सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पीएम मोदी को पैसा दिया”
उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 महामारी से भारत में 50 लाख लोगों की मौत हुई. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, “जब लोग कोरोना वायरस से मर रहे थे, तो वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने चुनावी बॉन्ड के रूप में प्रधानमंत्री मोदी को पैसा दान किया.”