ईवीएम हैकिंग के बीच चुनाव आयोग का बयान, लेकिन संदेह बरकरार

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नई दिल्लीः ईवीएम हैकिंग की खबर को लेकर चुनाव आयोग का बयान सामने आया है. आयोग ने का दावा है कि ईवीएम का फोन से कोई लेना-देना नहीं है. ईवीएम के लिए ओटीपी जरूरी नहीं है. उन्होंने हैकिंग की खबर को फर्जी बताया. हालांकि चुनाव आयोग ने मामले की जांच का आदेश दे दिया है. मुंबई उपनगरीय निर्वाचन अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने कहा, ईवीएम को अनलॉक करने के लिए किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं है.

राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

ईवीएम को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल और समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने बड़े सवाल उठाये हैं. इधर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है और महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है.

क्या है मामला…

दरअसल मुंबई पुलिस ने ईवीएम हैकिंग के मामले को लेकर एक एफआईआर दर्ज किया है. जिसमें मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से नवनिर्वाचित शिवेसना शिंदे गुट के सांसद रवींद्र वायकर के रिश्तेदार पर गंभीर आरोप लगा है. वायकर के साले पर केस भी दर्ज किया गया है. मुंबई पुलिस ने मतगणना के दिन गोरेगांव सेंटर में पाबंदी होने के बाद भी मोबाइल का इस्तेमाल करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. आरोप है कि चुनाव आयोग के अधिकारी के पास जो मोबाइल फोन था, उसमें ओटीपी जेनरेट होता था. उसी फोन का इस्तेमाल कथित रूप से सांसद के रिश्तेदार कर रहे थे. उत्तर पश्चिम सीट से रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग के बाद केवल 48 वोटों से जीते थे.

कांग्रेस ने उठाये सवाल

कांग्रेस ने ईवीएम मामले को लेकर एक्स पर लंबा पोस्ट डाला, जिसमें कई सवाल पूछे. कांग्रेस ने अपने पोस्ट में लिखा, EVM से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है. मुंबई में NDA के कैंडिडेट रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन EVM से जुड़ा था. NDA के इस कैंडिडेट की जीत सिर्फ 48 वोट से हुई है. ऐसे में सवाल है कि आखिर NDA के कैंडिडेट के रिश्तेदार का मोबाइल EVM से क्यों जुड़ा था? जहां वोटों की गिनती हो रही थी, वहां मोबाइल फोन कैसे पहुंचा? सवाल कई हैं, जो संशय पैदा करते हैं. चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए.

भारत में ईवीएम ‘ब्लैक बॉक्स’ हैं

राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है, जिसकी जांच करने की किसी को इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर ‘गंभीर चिंताएं’ जताई जा रही हैं. गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, जब संस्थाओं में जवाबदेही ही नहीं होती तो लोकतंत्र दिखावा बन कर रह जाता है और धांधली की आशंका बढ़ जाती है.

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मस्क की पोस्ट को किया रिपोस्ट…

बता दें कि, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर एलन मस्क की उस पोस्ट को भी साझा किया जिसमें मस्क ने ईवीएम को हटाने की बात कही थी. मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा था, हमें ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए. मुनष्यों या कृत्रिम मेधा (एआई) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है.

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