Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के खाते फ्रीज
अजय माकन ने लगाया बड़ा आरोप
Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पास आने के साथ ही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. पहले पार्टी नेताओं का कांग्रेस से इस्तीफा दिया जाना और अब कांग्रेस के सभी खातों का फ्रीज हो जाना, लोकसभा चुनाव के समय पर अच्छा संकेत नहीं है. इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया है. इस दौरान माकन ने दावा किया कि, ”वे न तो बिलों का भुगतान कर पा रहे हैं और न ही कर्मचारियों की सैलरी निकाल पा रहे हैं. कांग्रेस और युथ कांग्रेस के अकाउंट भी बंद कर दिए गए हैं”
इसके आगे बोलते हुए माकन ने कहा है कि,’कांग्रेस पार्टी के अकाउंट्स फ्रिज हो गए हैं. देश पर तालाबंदी हो गई है. डेमोक्रेसी फ्रिज हो गई है. लोकसभा चुनाव के एलान को कुछ हफ्ते ही रह गए हैं, ऐसे में यह कदम उठाकर सरकार क्या साबित करना चाहती है. देश की प्रमुख पार्टी के अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए हैं. इनकम टैक्स विभाग ने 210 करोड़ रुपए की रिकवरी मांगी है.’
”पार्टी के बैंक में नहीं है पैसा”
माकन ने कहा है कि, ” 2018-19 के इनकम टैक्स फाइलिंग को आधार बनाकर करोड़ों रुपए की मांग की जा रही है. ये बड़े शर्म की बात है, लोकतंत्र की हत्या है. लोकसभा चुनाव से पहले हमारे अकाउंट फ्रिज कर दिए गए हैं. कांग्रेस पार्टी मेंबरशिप ड्राइव के जरिए यूथ कांग्रेस से पैसा इकट्ठा करती है और वो भी फ्रीज कर दिए गए हैं. ”
वही पार्टी की आर्थिक स्थिति पर बोलते हुए पार्टी नेता ने कहा है कि, ”पार्टी को रिटर्न फाइल करने में देर हो गई थी. लेकिन 45 दिन का और टाइम दिया गया था. इसका मतलब यह नहीं है कि खाता ही फ्रीज कर दिया जाए. उन्होंने आगे कहा कि सब कुछ प्रभावित हो गया है उनके पास बिजली का बिल भरने, सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं. बैंक में पैसे जमा नहीं कर पा रहे हैं. बैंक से पैसा भी नहीं निकाल पा रहे हैं.”
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इलेक्टोरल बॉन्ड पर कल ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
गौरतलब है कि, बीते गुरूवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक ठहराया और उसे रद्द कर दिया. साथ ही सर्वोच्च अदालत ने कहा कि, इससे सूचना के अधिकार का उल्लंघन होता है, इसलिए इलेक्टोरल बंधन वैध नहीं हैं. इतना ही नहीं, कोर्ट ने अब इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने पर रोक लगाते हुए एसबीआई से कहा कि वह चुनाव आयोग को पूरा विवरण दे. कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी ब्योरे को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था.