21 नवम्बर को भाजपा का दलित सम्मेलन

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जहां एक ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदुओं को राम मंदिर निर्माण आंदोलन के जगाने में लगा है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने दलितों को लोकसभा चुनाव के पहले अपनी ओर लाने की कोशिश तेज़ कर दी हैं। लगभग 15 दिन विभिन्न पिछड़ी जातियों का सम्मेलन करने के बाद बीजेपी अब 21 नवम्बर से दलितों (Dalit) के उप जातियों का सम्मेलन करेगा।

बीजेपी संगठन मंत्री सुनील बंसल भी रहेंगे

सम्मेलन की खास बात यह हैं की दलितों का यह सम्मेलन उसी पीडब्ल्यूडी के विश्वेसरैया हाल में होगा, जिसमे पिछड़ी जातियों का सम्मेलन हुआ था। पहला सम्मेलन दलितों में जाटव एवं चमार उप जातियों का होगा। इस सम्मेलन स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। उनके साथ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रनाथ पांडे और बीजेपी संगठन मंत्री सुनील बंसल भी रहेंगे।

312 सीटों पर विजय पाने में सफलता हासिल की थी

अनुसूचित मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष एवं मलीहाबाद सांसद कौशल किशोर भी इस सम्मेलन में रहेंगे। लोकसभा चुनाव 2014 और विधानसभा चुनाव 2017 में BJP ने मोदी लहर और बाद में बीजेपी वेव के चलते बीएसपी प्रमुख मायावती के परंपरागत दलित वोट बैंक में सेंध लगाने में सफलता हासिल कि थी। लोकसभा चुनाव 2014 में जहां बीजेपी के 71 सांसद विजयी हुए थे वहीं विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी 312 सीटों पर विजय पाने में सफलता हासिल की थी।

20 प्रतिशत दलितों का वोटबैंक है

पिछले दो दशकों से, पहले कांशीराम ने दलित वोटबैंक को अपना बनाया और उसके बाद मायावती के बीएसपी की कमान संभालने के बाद भी दलित वोटबैंक बीएसपी के साथ निष्ठा बनाए हुए है। उत्तर प्रदेश में कुल वोटबैंक का लगभग 20 प्रतिशत दलितों का वोटबैंक है। ऐसे में किसी भी दल के लिए दलितों के वोटबैंक का अपने पाले में करना बहुत जरूरी हो जाता है।

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बीजेपी को भी इसकी सही कीमत 2014 के लोक सभा चुनाव में देखने को मिली। हालाँकि 71 सांसदों को जीताने की बावजूद भी बीजेपी दलितों में जाटव वोटबैंक को अपने पाले में करने में पूरी तरह से सफल नहीं हुई।

शायद इसी कारण से पिछले तीन चार सालों से बीजेपी जाटव वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए अनेक प्रयास करती रही है चाहे वो जाटव नेताओं को अपने पाले में करना हो या फिर जाटवों के घर बीजेपी के बड़े नेताओं का खाना खाना रहा हो।

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले शायद इसी कारण से बीजेपी फिर से दलितों को अपनी तरफ साधने की कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में 21 नवम्बर को बीजेपी का जाटव और चमार सम्मेलन होगा। दलितों का यह सम्मेलन 2 दिसम्बर तक चलेगा। आखिरी दिन यानि 2 दिसम्बर को दलितों की उप जाति पासी समाज का सम्मेलन होगा। इस बींच में धनुक, कोरी और अन्य उप जतियों का भी सम्मेलन होगा। साभार

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