शिक्षा परिवर्तन से अछूती नहीं: प्रो. आशीष श्रीवास्तव
तकनीकी भी बहुत तेजी से बढ़ रही है. इसलिए शिक्षा में तकनीकी का भी समावेशन जरूरी है.
अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्र बीएचयू के डीन (एकेडमिक एंड रिसर्च) प्रो. आशीष श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है. शिक्षा भी इससे अछूती नहीं है. इसलिए हमें समाज की वर्तमान जटिलता को ध्यान में रखते हुए अपनी शिक्षा व्यवस्था को बनाना है. तकनीकी भी बहुत तेजी से बढ़ रही है. इसलिए शिक्षा में तकनीकी का भी समावेशन जरूरी है. साथ ही, वर्तमान समय में शिक्षक प्रशिक्षण व उद्योगों के बीच में आपसी तालमेल की जरूरत है. इनके बीच में संवाद की जरूरत है ताकि इस क्षेत्र के मुताबिक अपनी शिक्षा व प्रशिक्षण प्रणाली को परिवर्तित किया जा सके. साथ ही आज के दौर अनुपयोगी विषयवस्तु को पाठ्यक्रम व शिक्षा से हटाया जा सकता है ताकि हम नई जानकारियों से लगातार जुड़े रहें.
प्रो. आशीष श्रीवास्तव अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्र, बी.एच.यू में “विज्ञान के शिक्षण और सीखने हेतु शैक्षिक कौशल व कार्यान्वयन का नीति निर्माण” विषय पर नेशनल कंसल्टेटिव मीट 2.0 के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे. इस समारोह उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. सी.बी. शर्मा, पूर्व निदेशक, एन.आई.ओ.एस. एवं वर्तमान निदेशक, शिक्षा विद्याशाखा, इग्नू, नई दिल्ली रहे .कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्र के डीन, एकेडमिक एंड रिसर्च, प्रो. आशीष श्रीवास्तव ने की.
संस्थानों की पारिस्थिति को बदलने की जरूरत
मुख्य अतिथि उद्बोधन में प्रो. सी.बी. शर्मा ने कहा कि हमें अपने संस्थानों की पारिस्थितिकी को बदलने की जरूरत है ताकि शिक्षा संस्थाओं की गुणवत्ता व प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सके. तभी हम संस्थागत निर्माण परिकल्पना को साकार कर सकते हैं.
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इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हमें दिशा प्रदान करती है. यह एक ट्रांसफॉर्मेटिव नीति है. साथ ही, शिक्षा समुदाय को रिबेलियस बनने की जरूरत है, तभी हम अपनी शिक्षा व्यवस्था को सही स्वरूप प्रदान कर सकते हैं.
इनकी रही मौजदूगी
इस कार्यक्रम में प्रो. ए.सी. पाण्डेय, निदेशक, आई.यू.ए.सी., नई दिल्ली, प्रो. पृथ्वीश नाग, पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, प्रो. शेखर सी. माण्डे, प्रो. आर.के. सिंह, प्रो. आर.के. मिश्र, प्रो. जे.पी.एन. मिश्र, प्रो. समरेन्द्र सिंह, प्रो. ए.एस. रघुवंशी, प्रो. पूनम अग्रवल, प्रो. संजय कुमार शर्मा, डॉ. गुलाब सी. गौतम, डॉ. पल्लवी चट्टोपाध्याय सहित देश के जाने-माने विद्वान दो दिनों तक विभिन्न विषयों पर चिंतन करेंगे.
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विषय परिचय डॉ. राज सिंह ने दिया. कार्यक्रम का संयोजन डॉ. राज सिंह, सह-संयोजन डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह, मंगलाचरण डॉ. सुनील कुमार त्रिपाठी, एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर कुशाग्री सिंह ने किया. इस कार्यक्रम में अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र के शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक सभी कर्मचारी उपस्थित रहे.