दिल्ली :- शिक्षा मंत्री ने बीजेपी नेता को स्कूल में पढ़ाई शुरू करने दी सलाह
वाराणसी: देश की राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी जंग सोशल मीडिया से लेकर सड़को तक तेज है. जिसमे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार की शिक्षा निति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बोर्ड की परीक्षाओ में दिल्ली डीबीएसई एफिलिएटिड से परीक्षा देना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है यह एक गैर मान्यता प्राप्त बोर्ड है. यह सुन दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसका पलटवार करते हुए कहा कि “इन्हे अपने तथ्यों और आकड़ों को मजबूत करने की आवश्यकता है. जिसके लिए दिल्ली के स्कूलों में ऐसे लोगों के लिए स्पेशल कोर्स कराया की सुविधा है. जहां वीरेंद्र सचदेवा जी को इनरोलमेंट कराना चाहिए.
बीजेपी नेता का आरोप…
दिल्ली में डीबीएसई बोर्ड की शुरूआत वर्ष 2021 में रहें पूर्व डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया किया गया था. जिससे अब तक दिल्ली में 20 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस एफिलिएटिड हैं. लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बड़ा आरोप लगते हुए कहा कि यह एक गैर मान्यता प्राप्त बोर्ड है और इससे गलत तरीके से जबरदस्ती थोपा गया है जिसकी वजह से कई छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने से वंचित रह जाएंगे और इसके कारण छात्र और अभिभावक दिल्ली सरकार की इस नीति से पूरी तरह नाखुश हैं.
शिक्षा मंत्री का तंज…
इस मुद्दे पर दिल्ली की शिक्षा आतिशी ने पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली के स्कूलों में ऐसी तकनिकी और तथ्य पूर्ण विषय के लिए स्पेशल कोर्स उपलब्ध है और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा जी को वहां पर जरूर इनरोलमेंट कराना चाहिए . इसके अलावा बीजेपी को बड़ी चुनौती देते हुए कहा कि बीजेपी शासित राज्य और दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तुलना कर ली जाए , वहां के प्राइवेट स्कूलों से भी दिल्ली की सरकारी स्कूलों की शिक्षा और व्यवस्था कहीं बेहतर होगी.
इसके अलावा दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए यह भी कहा है कि आने वाले शिक्षा सत्र में डीबीएससी बोर्ड से दिल्ली के 50 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस को एफिलिएटिड किया जाएगा . इस बोर्ड के माध्यम से पाठ्यक्रम और परीक्षाओं को रट्टा मार पढ़ाई पर नहीं बल्कि प्रत्येक विश्व के क्राइटेरिया बेस्ड एसेसमेंट , डूइंग एंड अंडरस्टैंडिंग, इन्वेस्टिगेटिंग, कम्युनिकेटिंग, थिंकिंग क्रिटिकली जैसे आधार पर छात्रों को शिक्षित किया जाता है.
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