महाराष्ट्र में बीजेपी की दोहरी चाल, अजित पवार से एकनाथ शिंदे की कुर्सी को खतरा
महाराष्ट्र सरकार में खेला होने की जैसे नई पंरपरा बनती जा रही है। इससे पहले रातों-रात शिवसेना में फूट डालो की राजनीति ने उद्धव ठाकरे की कुर्सी छीन ली थी। वहीं, अब एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार में बागियों को पनाह मिल गई है। इस बार फूट की कूटनीति का दंश राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को भुगतना पड़ा है। एनसीपी को तोड़कर अजित पवार अपने साथ 40 और विधायकों को लेकर बीजेपी गंठबंधन शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। इस बीच सामना के संपादक संजय राउत ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने अजित पवार को लेकर कहा है कि महाराष्ट्र में अभी और खेला होगा। अजित पवार ने एकनाथ शिंदे का सिर्फ हाथ नहीं पकड़ा है, बल्कि पूरी कुर्सी पर कब्जा करने का षड़यंत्र बनाया गया है। यानी महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बने अजित पवार भाजपा का फेंका हुआ हुकुम का इक्का साबित हो सकते हैं। यहां संजय राउत सीधे तौर पर कुछ ना कहते हुए बीजेपी को इस फूट डालो राजनीति का हीरो बताया है।
एकनाथ शिंदे की जगह लेंगे अजित पवार
बता दें, महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी के बागी विधायकों के शामिल होने के बाद शिवसेना ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। उद्धव ठाकरे की पार्टी यूटीबी ने सोमवार को सामना में दावा किया कि नए डिप्टी सीएम अजीत पवार जल्द ही सीएम की कुर्सी पर दिखेंगे। यूटीबी के वरिष्ठ सदस्य संजय राउत ने सामना में कहा कि अब वो दिन दूर नहीं जब एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के बागी विधायकों को अजित पवार का बड़ा गुट मैदान से बाहर कर देगा। संजय राउत ने कहा कि ये भाजपा की फूटनीति है, पहले शिवसेना को तोड़ा अब एनसीपी को तोड़ा है। अजित पवार डिप्टी सीएम बनने नहीं बल्कि एकनाथ शिंदे की कुर्सी लेने के लिए लाए गए हैं।
भाजपा की फूटनीति चाल
गौरतलब है कि रविवार को महाराष्ट्र सरकार में दूसरी बार नाटकीय राजनीति देखी गई। बड़ी संख्या में विधायकों का गुट लेकर अजित पवार एनसीपी को छोड़कर भाजपा नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए। ये इतनी आसान गुल्थी नही है, यहां भाजपा ने दोगली चाल से दो निशाने साधे हैं। भाजपा ने एक तरफ अजित पवार के जरिए एनसीपी को कमजोर कर दिया और दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे की सरकार में अब एकमत नहीं रह जाएगा। क्योंकि अब महाराष्ट्र सरकार में दो अलग विचारों वाले गुट शामिल हो चुके हैं। अब यहां वही कहावत लागू होती है कि कुत्ते-बिल्ली की लड़ाई में तीसरा (भाजपा) बाज़ी मार ले जाएगा। इसतरह से अब इस बात के दो राय नही है कि महाराष्ट्र में जल्द ही फिर से नया खेला देखने को मिलेगा।
संजय राउत की भविष्यवाणी
वहीं, सामना के संपादक संजय राउत ने लेख में लिखा कि अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने का एक रिकॉर्ड बनाया है। इस बार यह डील मजबूत है। इसके साथ ही संजय राउत ने शिंदे सरकार को लेकर बड़ा दावा किया है। संजय राउत ने कहा, “अजित पवार वहां डिप्टी सीएम पद के लिए नहीं गए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के बागी विधायकों को जल्द ही अयोग्य ठहराया जाएगा और पवार की ताजपोशी होगी। यह कदम राज्य के लोगों को अच्छा नहीं लगेगा। महाराष्ट्र में ऐसी कोई राजनीतिक परंपरा नहीं है और इसे लोगों का समर्थन कभी नहीं मिलेगा। मुखपत्र ने दावा किया है कि अजित पवार की कलाबाजी वास्तव में सीएम शिंदे के लिए खतरनाक साबित होने वाला है।’
महाराष्ट्र की गंदी राजनीति
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा महाराष्ट्र के साथ-साथ देश की राजनीति को भी ‘गंदगी’ में डाल दिया है। आगे संजय राउत ने सामना में कहा कि उनका (शिंदे गुट) तथाकथित हिंदुत्व अब खत्म हो गया है। वह दिन दूर नहीं जब शिंदे और उनके विद्रोही सहयोगियों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने लिखा कि जिनके पास सत्ता का अहंकार है और वे मानते हैं कि वे अपने विपक्ष को खरीद सकते हैं, वे लोकतंत्र पर नियंत्रण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस शपथ ग्रहण ने भाजपा का असली चेहरा उजागर कर दिया है।
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