Iphone पर डोला मंदिर प्रशासन का मन, दानपेटी में गिरे फोन को बताया भगवान की संपत्ति…
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली खबरें कभी हंसी तो कभी सोचने पर मजबूर कर देती हैं. ऐसा ही एक मामला तमिलनाडु के चेन्नई से सामने आया, जिसे सुनकर आप सोच में पड़ जाएंगे. यह घटना तमिल मूवी ‘पलयाथम्मन’ से मिलती है, जिसमें एक महिला का बच्चा गलती से दान पेटी में गिर जाता है और उसे मंदिर की प्रॉपर्टी मान लिया जाता है. ठीक ऐसा ही कुछ हुआ तिरुप्पुरुर के अरुलमिगु कंदस्वामी मंदिर में जहां एक युवक का Iphone दानपेटी में गिर गया. जब युवक ने अपना फोन वापस मांगा, तो पुजारी ने उसे भगवान की प्रॉपर्टी मानते हुए फोन लौटाने से मना कर दिया. हालांकि, युवक को सिर्फ सिम कार्ड और डेटा निकालने की अनुमति दी गई. इस अनोखी घटना ने सभी को चौंका दिया और सोशल मीडिया पर यह चर्चा का विषय बन गई.
क्या है पूरा मामला ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह अजीब घटना तमिलनाडु के विनायगपुरम के रहने वाले दिनेश के साथ घटित हुई है. दिनेश एक महीना पहले अपने परिवार के साथ तिरुप्पुरुर के अरुलमिगु कंदस्वामी मंदिर गए थे. पूजा के बाद जब परिवार दानपेटी में दान डाल रहा था, दिनेश ने भी पैसे निकालने के लिए अपनी शर्ट की जेब में हाथ डाला, लेकिन उसी दौरान उसका iPhone जेब से निकलकर दानपेटी में गिर गया. ऐसे में दिनेश ने फोन को निकालने का प्रयास किया लेकिन वे फोन को नहीं निकाल पाएं क्योंकि, दानपेटी काफी ऊंची थी.
अपनी मदद के लिए जब दिनेश ने मंदिर के पुजारी को इस बारे में बताया, तो पुजारी ने उसे कहा कि , अब फोन भगवान का हिस्सा बन गया है और उसे वापस नहीं दिया जा सकता है. पुजारी का कहना था कि , जो चीज भगवान को अर्पित कर दी जाती है, वह अब भगवान की संपत्ति बन जाती है. दिनेश ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए मंदिर के अधिकारियों से भी इस मुद्दे पर बातचीत की, लेकिन अधिकारियों ने भी यही जवाब दिया कि अब फोन वापस नहीं मिलेगा. अधिकारी ने यह भी बताया कि, दानपेटी को केवल दो महीने में एक बार खोला जाता है, इस कारण फोन को निकालने में समय लग सकता है. दिनेश की परेशानी बढ़ गई, क्योंकि वह अपना फोन वापस पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा था, लेकिन मंदिर के अधिकारियों और पुजारी ने उसकी कोई मदद नहीं कर रहे थे.
Also Read: अजब दुल्हन की गजब डिमांड! मुंह दिखाई पर मांगी बीयर और गांजा…
iPhone हाथ लगने के बाद बदला मंदिर प्रशासन का रवैय्या
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिनेश ने बताया कि, जब उसने मंदिर अधिकारियों को अपना फोन दानपेटी में गिरने की शिकायत की, तो अधिकारियों ने उसे बताया कि, वे इस दिन दानपेटी खोलेंगे और उस दिन फोन ले जाना. दिनेश जब अपना फोन लेने के लिए वापस मंदिर गया तो दानपेटी खोली गयी और फोन अधिकारियों के हाथ आ गया. इसके बाद अधिकारियों ने कहा कि, अब फोन मंदिर के पास रहेगा और वह केवल सिम कार्ड और डेटा निकाल सकता है, लेकिन फोन वापस नहीं दिया जाएगा.
मंदिर के कार्यकारी अधिकारी कुमारवेल ने इस मामले की पुष्टि की और बताया कि, यह मंदिर की पुरानी परंपरा है कि दानपेटी में गिरी हुई किसी भी चीज को भगवान की संपत्ति मान लिया जाता है. इस परंपरा के तहत ही फोन को मंदिर प्रशासन ने अपने पास रख लिया. हालांकि, दिनेश का कहना था कि उसका फोन गलती से दानपेटी में गिरा, लेकिन मंदिर प्रशासन ने कहा कि, अब जब वह दानपेटी में चला गया है, तो यह पूरी तरह से भगवान की संपत्ति बन चुका है और इसे वापस नहीं दिया जा सकता.