क्या हमारा कानून देता है दूसरी शादी की इजाजत, अगर नहीं तो कैसे खुले घूम रहे है अरमान ?
पिछले हफ्ते शुरू हुए बिग बॉस ओटीटी सीजन 3 शुरूआत से पहले अपने बदलाव को लेकर चर्चा में बना हुआ था. अब जबकि वो शुरू हो चुका है तो, अपने घरवालों के बीच हो रहे क्लेश के अलावा वह बिग बॉस ओटीटी के घर में एक साथ आए तीन प्रतिभागियों को लेकर का सुर्खियों में बना हुआ है , यह कहने में थोड़ा अजीब है लेकिन वे तीन पति-पत्नी है. जी हां , हम बात कर रहे हैं बिग बॉस ओटीटी के प्रतिभागी और यूट्यूबर अरमान मलिक की जो अपनी दो पत्नी कृतिका और पायल के साथ बिग बॉस में खेलने आए हैं.
इस दौरान इस सीजन में उनकी अद्भुत शादी का चर्चा का विषय बनी हुई है, हर प्रतिभागी उनकी इस शादी की कहानी जानना चाह रहा है, जिसके चलते वे कई बार अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा करते हुए भी नजर आते है. इतना ही नही कई बार वे स्क्रीन पर ये भी कहते हैं कि, ”दो शादी हर कोई करना चाहता है ” ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि, क्या वाकई में कोई व्यक्ति दो शादी कर सकता है ? क्या इसको लेकर कानून इजाजत देता है ?
कानून नहीं देता है दूसरी शादी की इजाजत
ऐसे में यदि बात करें दूसरी शादी को लेकर कानूनी इजाजत की, तो हमारा कानून दूसरी शादी की इजाजत नहीं देता है. कानूनी तौर पर इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है. हालांकि, अगर व्यक्ति किन्ही परिस्थिति में दूसरी शादी करना चाहता है तो उसके लिए शर्तें निर्धारित की गयी है.
इसमें हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत दूसरा विवाह करने वाली महिला या पुरूष तभी दूसरी शादी कर सकती या सकता है जब उसके जीवनसाथी की मौत, तलाक या वह कई वर्षों से लापता हो. ऐसी हालत में ही व्यक्ति दूसरा विवाह कर सकता है अन्यथा कानून किसी भी व्यक्ति को दूसरी शादी की इजाजत नहीं देता है.
दूसरी शादी को लेकर क्या कहती है धारा 1955 ?
भारत के संविधान में हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 में दूसरी शादी को गैरकानूनी और अपराध की संज्ञा दी है. यह दंडनीय है और इसके लिए अपराधी व्यक्ति के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है. इसके अलावा प्वाइंट में समझते हैं कि क्या कहता है धारा 1955…
-विवाह को वैध बनाने वाली स्थिति और शर्तों का हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 5 में विस्तार से उल्लेख किया गया है.
-हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 11 में दूसरे विवाह के लिए आवश्यकताएं और शर्तें बताई गई हैं.
-इस धारा में संक्षेप में कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में, तलाक के बिना दूसरा विवाह अमान्य और निरर्थक है, यदि पारिवारिक न्यायालय पहले विवाह को कानूनी रूप से तलाक नहीं देता है.
-अलग-अलग धर्म इसे अलग-अलग शब्दों में स्वीकार करते हैं, जैसे कि ईसाई विवाह अधिनियम, जिसमें द्विविवाह का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन यह कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति पहली शादी से तलाक लिए बिना दूसरी शादी करता है तो उसे कड़ी सजा दी जा सकती है. यह भारतीय दंड संहिता की धारा 419 के तहत दंडनीय है.
– वहीं मुस्लिम कानून में भी द्विविवाह का कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन “कुरान” में लिखा है कि एक पुरुष एक बार में 4 पत्नियों से शादी कर सकता है. यहां पति को दूसरी शादी के लिए किसी को तलाक देने की ज़रूरत नहीं है.
क्या तलाक दिए बिना दूसरी शादी मान्य है ?
बिना पहली पत्नी से तलाक लिए बिना यदि कोई व्यक्ति दूसरी शादी करता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के अनुसार, तलाक के बिना दूसरी शादी करना अवैध और निषिद्ध है. यदि कोई व्यक्ति अपने पहले साथी से तलाक के बिना दूसरी शादी करता है, तो उसे बहुविवाह कहा जाता है. वहीं धारा 415 के तहत साथी से तलाक के बिना दूसरी शादी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है, जो द्विविवाह को भारतीय कानून में दंडनीय अपराध मानता है.
-मानवीय कार्यों से संबंधित कोई भी तथ्य भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 114 में मौजूद हैं.
-पारसी विवाह एवं तलाक अधिनियम की धारा 5 में कहा गया है कि यदि पहली शादी कानूनी रूप से तलाकशुदा नहीं है तो तलाक के बिना दूसरी शादी दंडनीय अपराध है.
-विशेष विवाह अधिनियम में यह भी दावा किया गया है कि द्विविवाह को धारा 44 के अनुसार दंडित किया जाएगा और उस पर आरोप लगाया जाएगा. दूसरा, तलाक के बिना विवाह स्वीकार्य नहीं है और यह अवैध है.
वहीं दूसरी शादी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी धारा 494 के तहत चार साल की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा यदि व्यक्ति पहले पार्टनर की बिना सहमति और छिपकर शादी करता है तो आईपीसी धारा 495 मे उसके खिलाफ 10 साल की सजा का प्रावधान है.
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अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि दूसरा विवाह अवैध है, कानून इसकी मान्यता नहीं देता है तो फिर आखिर अरमान अपनी दो पत्नी और चार बच्चों के साथ आजादी से कैसे जी रहे हैं ? तो इसका सीधा सा जवाब ये है कि कानून आपकी मदद के लिए बनाया गया है. यदि कोई भी नागरिक अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहता है, आवाज उठाना चाहता है तो उसका साथ देने, उसकी मदद के लिए देश में कानून है.
लेकिन यदि आप अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाते हैं तो आप दो क्या दस शादी करके भी खुले आम घूम सकते हैं, जैसे की अरमान अपनी दो पत्नियों के साथ न सिर्फ घूम रहे हैं बल्कि इस कंटेट के बेस पर वो सोशल मीडिया की दुनिया में नाम और पैसा दोनों ही बना रहे हैं. लेकिन किसी भी एंगल से दूसरी शादी अपराध ही है.