क्या आपको पता है काशी के इस घाट पर 100 वर्षों से हो रहा है योग…

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काशी में सुबह का एक अलग ही महत्व है चाहे वह सुबह की गंगा आरती हो, सुबह का नाश्ता हो या फिर सुबह सूर्योदय के साथ गंगा घाट का सैर करना. इन सभी चीजों से लोगों को एक अलग अनुभूति प्रदान होती है. वहीं अस्सी घाट के समीप सुबह ए बनारस घाट से प्रचलित इस घाट पर पिछले कई वर्षों से योग का आयोजन हो रहा है. घाट पर आने कुछ लोगों ने दावा किया है कि पिछले करीब 100 वर्षों से यहां पर योग होते आ रहे हैं जिसे आसपास मंदिरों, मठों में रहने वाले साधु-संत रोजोना भोर से करते हैं . लगभग 50 वर्ष पहले तक घाट के आस-पास कोई भी घर नहीं था लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ लोग एवं साधुओं द्वारा गंगा के तट पर रोजोना योग किया जाता रहा है.

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हवन, शास्त्रीय नृत्य के बाद लगता है योग का शिविर

दूसरी ओर पिछले 6 वर्षों से सुबह ए बनारस में योग करने आ रहे वेद प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि गर्मी में सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर यहां के कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं. शुरुआत में गुरुकुल की कन्याओं द्वारा वैदिक तरीके से हवन कराया जाता है. इसके बाद गंगा आरती होती है. गंगा आरती के बाद विभिन्न प्रकार के शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति होती है. इसको देखने के लिये विदेशी भी आते हैं. इसके बाद योग का शिविर लगाया जाता है जिसमें 6 वर्ष के बच्चों से लेकर 90 वर्ष के बुजुर्ग योग करते हैं.

रोजाना होते हैं कार्यक्रम

86 वर्षीय वेद प्रकाश ने बताया कि सुबह ए बनारस में होने वाले कार्यक्रमों को पिछले कई वर्षों से बिना रुकावट के चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि भारी बारिश या बाढ़ के समय भी सारे कार्यक्रमों को नजदीक के कृष्ण मंदिर में कराया जाता है.

पीएम मोदी ने रखी थी नींव

बता दें कि जब वर्ष 2014 में पीएम मोदी प्रधानमंत्री के साथ वाराणसी के सांसद का कार्यभार संभाला था तबसे ही इस घाट के नवीनीकरण को लेकर कार्य किये गये हैं. यहां पर विभिन्न अवसरों पर कई प्रकार के आयोजन आयोजित होते हैं. सुबह के अलावा यहां पर शाम में भी कई प्रकार के कार्यक्रम कराये जाते हैं. पर्यटकों को ध्यान में रखकर बनाये गये इस घाट पर कई प्रकार का नाश्ता भी मिलता है.

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