Diwali 2024: बाजार हुए गुलजार…

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वाराणसी: दीपावली का त्यौहार नजदीक है और दीपावली के त्योहार को लेकर बाजार में दुकानें तो सज गई हैं, परंतु ग्राहक फिलहाल नदारद है. लोगों द्वारा किया जाने वाला ऑनलाइन व्यापार दिवाली के बाजार पर व्यापक असर डाला है. दुकानदारों का कहना है कि अभी पूर्व की तुलना में अभी 20 फ़ीसदी व्यापार भी नहीं हो रहा है.

बाजार में मंहगाई का असर…

व्यापारियों ने बताया कि मंहगाई के चलते कम दुकानदारी की आहट से स्टॉक कम मंगाया है. चाहे इलेक्ट्रानिक की दुकान हो या बर्तन की, किराना हो या रेडीमेड, सभी व्यापारी दिवाली पर बिक्री में भारी गिरावट बता रहे हैं. दुकानदारों का कहना है ऑनलाइन खरीदारी ने आम आदमी और किसानों की जेब खाली कर दी है. ऐसी स्थिति में वे दीपावली पर क्या खरीदारी करें.

ऑनलाइन के चलते नहीं हो रही बिक्री…

रेडीमेड दुकानदार बताते हैं कि जहां पहले दीपावली से और 10 दिन पहले ही बाजार में अच्छी खरीदारी शुरू होती थी. हर बार भारी मात्रा में ग्राहक कपड़े खरीदते थे, लेकिन इस बार ऑनलाइन अपना पाव तेजी से पसरा है. जिससे बाजार पर काफी असर पड़ा है. स्थिति यह है कि दो हजार रुपये की भी बिक्री नहीं हो रही है.

दुकानदारों का कहना है अब तक मात्र पांच सौ रुपये की बिक्री नहीं हुई, जबकि दुकान में 25 से 30 लाख रुपये का माल स्टॉक में भरा पड़ा है. दिवाली पर अमूमन किसान व सामान्य लोग कोई न कोई वस्तु बड़ी खरीदते थे, लेकिन अबकी लोग सामान का भाव पूछने भी नहीं आ रहे हैं. त्योहार को लेकर फुटकर मार्केट पर ज्यादा बड़ा असर नजर नहीं आ रहा है.

लोगों के अंदर स्थायी सामान न लेकर अब काम चलाऊ चीजें खरीदने की स्थितियां ज्यादा समझ में आ रही है. दिवाली त्योहार को देखते हुए व्यापार और बाजार की खरीदारी पर गिरावट है. सोनू सोनकर ने बताया की चीजों के महंगी होने और लोगों के पास समय पैसा न होने का दीपावली के त्यौहार की खरीदारी पर भी असर डाल रहा है. उन्होंने कहा कि लोग कमा कर लाए थे. दुकानें बढ़ गई हैं, खरीदारी उतनी ही हैं.

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चायनीज का मुकाबला कर रहीं देसी झालरें

दिवाली के लिए बिजली की झालरों का बाजार सज चुका है. मोमबत्ती और दीयों का बाजार वाराणसी में लंका नई सड़क गोदौलिया सहित अन्य क्षेत्रों में गुलजार है. दुकानदार भी पर्व पर अच्छे कारोबार की उम्मीद लगा रहे हैं. अभी तक चाइनीज झालरों का ही कब्जा था. अबकी देसी मालाएं भी बाजार में आ चुकी हैं. देश में निर्मित बिजली की झालरें जहां 100 से लेकर 300 रुपये तक की रेंज में मौजूद हैं, वहीं चायनीज मालाएं 20 से लेकर 700 रुपये तक की रेंज में उपलब्ध हैं. भारतीय कंपनियों ने अब चायनीज माल को टक्कर देने के लिए देसी मालाओं को बाजार में कई बैरायटी उतारी हैं.

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दिवाली पर पारंपरिक तोहफों की बढ़ी डिमांड

दीपोत्सव को लेकर बाजार गुलजार हो गए हैं. रंग-पेंट से लेकर गिफ्ट के सामान तक की दुकानों पर खरीदार पहुंच रहे हैं. पारंपरिक तोहफों की भी डिमांड बढ़ गई है. मोमबत्ती व लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों व मिट्टी के बर्तन के भी बाजार सज गए हैं. मूर्तियों की दुकान लगाने वाले सोनू सोनकर के लिए बताया कि दीपावली पर गिफ्ट देने के बढ़ते ट्रेंड ने लोगों की पसंद भी बदली है. जहां कुछ लोग गिफ्ट देना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. दीपावली मग, फ्लोटिग कैंडल, फ्लावर पार्ट्स, क्रिस्टल गिफ्ट आइटम, सीनरी शोपीस, फ्लोटिंग दीया, विग चैंस, लाफिग बुद्धा जैसे आइटम ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं.

 

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