बीएचयू अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में पाइप फटने से भरा पानी, मरीज और तीमारदार परेशान

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बीएचयू अस्पताल में दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं. ताजा मामला अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का है जहां मंगलवार को पाइप फटने के कारण डायलिसिस यूनिट में पानी भर गया. इस वजह से दो घंटे तक मरीजों का इलाज नहीं हो सका. आनन फानन अंदर से मरीजों को बाहर निकाला गया. इसके बाद कर्मचारियों ने किसी तरह वार्ड से पानी का हटाया. तब जाकर किसी तरह डायलिसिस शुरू हो पाई.

सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के तीसरे तल पर बने 20 बेड वाले डायलिसिस यूनिट में मंगलवार की दोपहर बाद करीब 3 बजे पानी की आपूर्ति के लिए लगा पाइप फट गया. इस वजह से पूरे यूनिट में पानी भर गया. जिन लोगों की डायलिसिस चल रही थी, वो मरीज और उनके परिजन कुछ समझ पाते कि इससे पहले वहां यूनिट में पानी भर गया. उन्हें यूनिट से बाहर सुरक्षित निकाला गया. करीब दो घंटे के इंतजार के बाद डायलिसिस शुरू करवाई गई तब मरीजों व उनके तीमारदारों ने राहत की सांस ली.

जिले भर से पहुंचे थे डायलिसिस कराने

मंगलवार को सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में डायलिसिस यूनिट में पानी भरने के कारण वहां मौजूद कर्मचारियों ने पानी निकलने तक डायलिसिस न होने की सूचना बाहर प्रतीक्षा में बैठे मरीजों और तीमारदारों को दी तो लोग परेशान हो गए. किसी की मां की डायलिसिस हो रही थी तो कोई पिता की डायलिसिस करवाने के लिए बाहर खड़ा था. करीब एक घंटे के बाद पानी की आपूर्ति जब सामान्य हुई तो मरीजों के परिजनों ने राहत की सांस ली. सामनेघाट निवासी एक महिला मरीज भी अपने बेटे के साथ डायलिसिस करवाने पहुंची थी. बेटे ने बताया कि यूनिट के पानी भरने की जानकारी बाहर कर्मचारियों ने दी. करीब दो घंटे बाद इलाज शुरू हो सका. इसके साथ ही जिले के मिर्जामुराद ,बाबतपुर, चिरईगांव, बडागांव सहित अन्य जगहों से मरीजों को लेकर लोग डायलासिस करवाने आए थे.

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चार घंटे में एक मरीज की डायलिसिस,200लीटर पानी की जरूरत

सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में नेफ्रोलॉजी विभाग के तहत डायलिसिस यूनिट चलती है. यहां हर दिन 50 से अधिक मरीजों की डायलिसिस की जाती है. आईएमएस बीएचयू में नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. शिवेंद्र सिंह के अनुसार डायलिसिस में पानी की बहुत जरूरत होती है. एक मरीज की डायलिसिस में करीब चार घंटे लगते हैं और करीब 50लीटर पानी की जरूरत हर घंटे होती है. इस तरह एक मरीज के लिए 200 लीटर पानी की खपत होती है.

इस समय यूनिट में करीब 20 मशीनें हैं. ऐसे में हर घंटे 1000 लीटर पानी की जरूरत होती है. प्रो. शिवेंद्र सिंह के मुताबिक डायलिसिस यूनिट में पानी आपूर्ति के लिए लगे पाइप के फटने की वजह से यूनिट में पानी भर गया था. इस वजह से मरीजों की डायलिसिस रोकनी पड़ी. कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए यूनिट से पानी निकाला और सफाई की,तब जाकर डायलिसिस शुरू हो सकी.

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