डीजीपी के इस फैसले से थानेदारों में होगी भिड़ंत !
पूरे प्रदेश के थानों में चार-चार इंस्पेक्टरों की नियुक्तियों को लेकर पुलिस अफसरों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कई जगहों पर तैनाती शुरू भी कर दी गयी है। पर, अब सवाल यह उठता है अगर एक ही म्यान में चार तलवार रहेंगे तो क्या काम सही से होगा…? चार इंस्पेक्टर (inspector) एक थाने में बैठेंगे तो कैसे व्यवस्था बन पाएगी? कहीं ऐसा न हो कि व्यवस्था सुधारने की को उठाये गये इस कदम से कानून व्यवस्था और भी ज्यादा ठप हो जाए।
एक म्यान में चार तलवार कैसे टिकेंगी…?
अब तैनाती तो शुरू हो गयी है लेकिन, पुलिस महकमे में चर्चा है कि नई व्यवस्था में विवाद हो सकता है। आखिर बात तो वही है न कि अगर एक म्यान में चार तलवार रहेंगी तो क्या काम हो पायेगा?
इस मामले में अधिकारियों के विचार हैं कि थानों में इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग की व्यवस्था तक नहीं चल पाई तो यह कैसे परवान चढ़ेगी?
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अभी से आलम कुछ यूँ है कि इंस्पेक्टरों ने थानों में तैनाती कराने से ही दूरी बनाना शुरू कर दिया है। कई इंस्पेक्टर तो जनपद तक छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन अपने साथ तीन अन्य इंस्पेक्टरों के साथ काम करने को नहीं।
डीजीपी ने दिए थे निर्देश
डीजीपी ओपी सिंह ने ये आदेश दिए थे कि बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने और फरियादियों की समस्या के शीघ्र निस्तारण के लिए अब थानों में तीन अतिरिक्त इंस्पेक्टरों को तैनात किया जाएगा।
इस आदेश के बाद राजधानी के कप्तान ने थानों पर अतिरिक्त पर प्रभारी निरीक्षक, अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक (प्रशासन), अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक (कानून व्यवस्था) और अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक (अपराध) को तैनात कर दिया।
वहीँ एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने इंस्पेक्टरों का डाटा खंगाला। मेरठ में 62 इंस्पेक्टर हैं, आठ कोतवालियों में 32 इंस्पेक्टर तैनात होंगे। क्राइम ब्रांच, डीसीआरबी व पेशकार समेत अन्य कई विभागों में इंस्पेक्टरों की नियुक्ति होगी।