बागेश्वरी देवी मंदिर में उमड़े श्रद्धालु, यहां माता स्कन्द माता के रूप में है….
धर्म की नगरी काशी में नवरात्र की धूम है। शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन भक्त जैतपुरा स्थित बागेश्वरी देवी मंदिर में उमड़ पड़े हैं। यहां माता स्कन्द माता के रूप में विराजमान हैं। उनकी गोद में भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय मौजूद हैं। मंदिर के पुजारी के अनुसार यहां निसंतान महिलाओं को अवश्य दर्शन करना चाहिए क्योंकि मां के दर्शन मात्र से संतान सुख मिलता है। मंदिर के पट मंगला आरती के बाद खुले तो गुरुवार को पूरा मंदिर परिसर माता के जयकारे से गूंज उठा।
क्यू पड़ा स्कंदमाता नाम
मंदिर के महंत गोपाल मिश्रा ने बताया कि नवरात्र के पांचवें दिन स्कन्द माता के दर्शन का विधान है। इनका मंदिर जैतपुरा में मौजूद है। माता यहां भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को गोद में लेकर विराजमान हैं। मान्यता है कि माता ने तारकासुर के वध के लिए कार्तिकेय को प्रशिक्षित किया था और ज्ञान दिया था। जिसके बाद कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया तभी से इनका नाम स्कंदमाता पड़ा।
मिलता है संतान का सुख
महंत ने बताया कि जिन लोगों को बोलने या चलने में दिक्कत होती वो लोग यहां दर्शन-पूजन करने साल भर आते हैं । माता उनके दुःख हर लेती हैं। इसके अलावा जिन महिलाओं को अभी तक संतान सुख नहीं मिला है और वो परेशान हैं उन्हें यहां दर्शन करना चाहिए। माता दर्शन मात्र से संतान सुख देती हैं इसके अलावा उनके दर्शन से मोक्ष प्राप्ति में आसानी होती है सुबह से लगी है। कतार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था माता बागेश्वरी देवी मंदिर में विराजित स्कंदमाता के दर्शन के लिए आस्थावानों का रेला उमड़ा है। कमिश्नरेट पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है