देवदीपावली : चार दिन तक नो फ्लाई जोन, नहीं उड़ेंगे ड्रोन, पतंग, गुब्बारे और पैराग्लाइडर

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वाराणसी: विश्वा प्रसिद्ध देव दीपावली पर काशी में देश – विदेश से लाखों की संख्या में लोगों को आना होता है. ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर जिले में 12 नवंबर की रात 12 बजे से 16 नवंबर की रात 12 बजे तक नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है. इस दौरान बिना अनुमति के ड्रोन, पतंग, किसी भी प्रकार के गुब्बारे, रिमोट संचालित माइक्रो लाइट्स, एयर क्राफ्ट और पैराग्लाइडर का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. यह आदेश वाराणसी कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. एस चनप्पा ने दिया है. अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) के मुताबिक 15 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली का आयोजन है. कमिश्नरेट में बीते 17 अक्टूबर से 17 नवंबर तक निषेधाज्ञा जारी है. देव दीपावली पर गंगा घाट, कुंड एवं तालाबों पर भारी भीड रहेगी.

अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के संपूर्ण क्षेत्र की सुरक्षा और विधि व्यवस्था को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करेगा और न करने का प्रयास करेगा. आदेश की अवहेलना भारतीय न्याय संहिता-2023 के तहत दंडनीय अपराध होगा.

देवदीपावली के लिए 10 लाख में क्रूज बुक

देव दीपावली पर रामेश्वरम और काशी विश्वनाथम क्रूज 10-10 लाख रुपये में बुक हुए हैं. दोनों क्रूज पर 10 हजार रुपये प्रति पर्यटक के लिए बुकिंग हुई है. इनकी क्षमता 100 लोग प्रति क्रूज है. काशी विश्वनाथम क्रूज के प्रबंधक अजय साहनी क्रूज पर कॉफी और चाय के अलावा बनारसी नाश्ते का भी प्रबंध किया गया है. वहीं, इस वर्ष आसपास के जिलों से डेढ़ हजार से अधिक छोटे वाहनों की डिमांड अलग-अलग टूर ऑपरोटरों ने की है. इस वजह से ट्रेवेल्स की गाड़ियों और टैक्सी की मांग बढ़ी है. टूर ऑपरेटर अनिल ने बताया कि पर्यटकों की मांग को पूरा करने के लिए आसपास के जिलों से छोटे चार पहिया वाहनों को मंगाना पड़ रहा है.

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देव दीपावली पर डेढ़ लाख में महाराजा सुईट बुक

देव दीपावली पर बृजरमा पैलेस का महराजा सुईट इस बार डेढ़ लाख रुपये में बुक हुआ है. जबकि, होटल सूर्य देव हवेली में 1.20 लाख में बुकिंग हुई है. होटल मार्केटिंग से संबंधित अधिकारी ने बताया कि दिसंबर माह तक होटल में बुकिंग फुल हैं.
टूरिस्ट प्रबंधक संतोष सिंह के मुताबिक, पर्यटकों से होटल फुल हैं, मगर अभी भी मांग को पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है. कोशिश है कि काशी आने पर पर्यटक अधिक से अधिक समय तक काशी में रुकें और जिले के अलावा आसपास के पर्यटक स्थलों का भी दौरा करें.

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