बांग्लादेश में आई हाहाकारी बाढ़, क्या भारत ने डुबाया देश ?
बीते कुछ दिन पहले तक हिंसा से धधक रहा बांग्लादेश अब बाढ़ में डूब गया है. ऐसे में हिन्दुओं का कत्लेआम करने वाला पड़ोसी बांग्लादेश अब भारत के खिलाफ उतर आया है और देश के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का प्रयास कर रहा है. इसमें बांग्लादेश की मोहम्मद युनूस सरकार दावा कर रही है कि बांग्लादेश में यह बाढ़ की स्थिति भारत की वजह से बनी है. इसको लेकर बांग्लादेश के मीडिया छापी जा रही रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि त्रिपुरा में गुमती नदी पर बने बांध के फाटक खोलने से बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में मौजूदा भीषण बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है.
इसके बाद से सोशल मीडिया पर #IndiaOut और #ShameOnIndia जैसे ट्रेंड चल रहे हैं. साथ ही भारतीय सामानों का बहिष्कार करने की मांग उठाई जा रही है. हालांकि, भारत ने बांग्लादेश के इस दावे को अब खारिज कर दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच नदियों में आने वाली बाढ़ एक साझा समस्या है, जिससे दोनों देशों के लोगों को परेशानी होती है. मंत्रालय ने इसका समाधान खोजने के लिए आपसी सहयोग की जरूरत पर बल दिया है.
बांग्लादेश का दावा निराधार
भारत सरकार ने बांग्लादेश द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया है. इसको लेकर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि ”बाढ़ की यह स्थिति त्रिपुरा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नहीं आई है. बांग्लादेश मीडिया में दावा किया गया है कि बाढ़ की स्थिति त्रिपुरा में गुमती नदी पर बने बांध के फाटक खोलने के कारण पैदा हुई है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, ‘हमने बांग्लादेश में ऐसी खबरें देखी हैं कि जिसमें छपा है कि पूर्वी सीमा पर स्थित जिलों में बाढ़ की वर्तमान स्थिति त्रिपुरा के डंबूर बांध के फाटक खोलने के कारण हुई है. यह तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है. हम यह बताना चाहेंगे कि भारत और बांग्लादेश से होकर बहने वाली गुमती नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों में इस साल की सबसे भारी बारिश हुई है. बांग्लादेश में बाढ़ मुख्य रूप से बांध के नीचे की ओर इन बड़े जलग्रहण क्षेत्रों के पानी के कारण आई है. ‘
”हम आपसी चिंताओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं”- विदेश मंत्रालय
21 अगस्त से पूरे त्रिपुरा और बांग्लादेश के आसपास के जिलों में भारी बारिश हो रही है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि अधिक प्रवाह होने पर पानी तरीके से बाहर निकलता है. अमरपुर स्टेशन द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का एक हिस्सा है जिसके तहत भारत बांग्लादेश को वास्तविक समय में बाढ़ के आंकड़े देता है. उन्होंने कहा है कि 21 अगस्त को दोपहर तीन बजे तक बांग्लादेश को बाढ़ के बढ़ते रुझान को दर्शाने वाले आंकड़े भेजे गए. शाम 6 बजे बाढ़ के कारण बिजली गुल हो गई, जिससे संचार में समस्या आई. फिर भी, हमने डेटा के तत्काल प्रसारण के लिए बनाए गए अन्य माध्यमों से संचार बनाए रखने की कोशिश की है.”
मंत्रालय ने कहा कि, ”दोनों देश 54 सीमा पार नदियों को साझा करते हैं और नदी-जल सहयोग द्विपक्षीय जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हम द्विपक्षीय परामर्श और तकनीकी चर्चाओं के माध्यम से जल संसाधनों और नदी जल प्रबंधन में मुद्दों और आपसी चिंताओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
अमित शाह ने त्रिपुरा के सीएम से की बात
गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा की बाढ़ की स्थिति पर बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री माणिक साहा से बातचीत की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया था. गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा था कि ‘त्रिपुरा के सीएम से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया. केंद्र सरकार राहत और बचाव कार्यों में स्थानीय सरकार की सहायता के लिए नावों और हेलीकॉप्टरों के अलावा एनडीआरएफ की टीमों को भेज रही है. आवश्यकता पड़ने पर केंद्र से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. मोदी सरकार संकट की इस घड़ी में त्रिपुरा में हमारी बहनों और भाइयों के साथ मजबूती से खड़ी है.’
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बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन को दिया जन्म
पिछले दो दिनों में त्रिपुरा के कई जिलों में भारी बारिश हुई है, निरंतर मूसलाधार बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन को जन्म दिया है. इस आपदा में कई लोगों ने अपनी जान भी खो दी है. मौके पर एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और मेडिकल टीमें हैं, उन्हें हर संभव सहायता दी जा रही है, राहत-बचाव अभियान जारी है.