देव दीपावली पर 15 लाख दीयों से रोशन होंगे काशी के घाट

अयोध्या दीपोत्सव के बाद काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली को योगी सरकार भव्यता के साथ मनाने जा रही है।

0

अयोध्या दीपोत्सव के बाद काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली को योगी सरकार भव्यता के साथ मनाने जा रही है।

देव दीपावली पर पिछले साल काशी के घाटों को दस लाख दीयों की रोशनी से रोशन किया गया था, जबकि इस बार देव दीपावली में 15 लाख से अधिक दीयों को जलाया जाएगा।

30 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन बनारस के 84 घाट 15 लाख दीयों की रोशनी से झिलमिलाएंगे।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिरकत करने की संभावना है।

होगा ग्रैंड शो का आयोजन-

dev-dipawali-varanasi

इस वर्ष देव दीपावली पर ना भूतो ना भविष्यति स्तर का ग्रैंड शो का आयोजन किया जाएगा।

साथ ही गंगा नदी में पानी की लहरों पर लेजर शो एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से काशी की महिमा, शिव की महिमा एवं गंगा अवतरण आदि का भव्य प्रदर्शन होगा।

बनारस के घाटों पर देव दिवाली हर साल बड़े पैमाने पर मनाई जाती है और दुनिया भर से लोग इसे देखने आते हैं।

5 लाख से ज्यादा दीयों से सजेंगे काशी के घाट-

dev diwali 1

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक अविनाश मिश्रा ने बताया कि इस बार देव दीपावली में 15 लाख से ज्यादा दीयों से काशी के घाट सजाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस साल देव दीपावली पिछले वर्षों से बेहतर स्तर पर मनाई जाएगी। इस मौके पर एक बड़ा प्रकाश उत्सव आयोजित होगा।

इस बार अलग होगा माहौल-

अविनाश मिश्रा ने बताया कि देव दीपावली के दिन 20-25 घाटों पर बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। यहां पर आने वाले पर्यटक नाव से भी इसका नजारा देख सकेंगे।

पर्यटकों को पिछले वर्षों से अलग हटकर इस बार काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। गंगा आरती में भी ऐसी व्यवस्था होगी कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और दूरी को बनाए रखें।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि सरकार की इच्छा है कि अयोध्या जैसा भव्य आयोजन काशी की देव-दीपावली में हो, इसको लेकर सरकार ने विशेष तैयारी करने का निर्देश दिया है।

ऐसी है मान्यता-

dev deepawali 1

मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था।

त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

इस दिन दीपदान करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि भगवान शंकर ने खुद देवताओं के साथ गंगा के घाट पर दिवाली मनाई थी, इसीलिए देव दीपावली का धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ जाता है।

यह भी पढ़ें: वाराणसी : देव दीपावली पर धरती, आकाश और पानी से होगी घाटों की सुरक्षा

यह भी पढ़ें: देव दीपावली: जमीं पर दिखेगा ‘जन्नत’ का नजारा, 7 लाख में बुक हुई जलपरी

[better-ads type=”banner” banner=”104009″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप डेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More