फिर पूरी नहीं हुई अव्वल आने की ख्वाहिश, जानिए स्मार्ट सिटी रैंकिंग में बनारस का स्थान
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को देश का सबसे स्मार्ट शहर बनाने का ख्वाब दूर ही होता जा रहा है. तिमाही प्रगति के आधार पर जारी की रैंकिंग में इसे 23वां स्थान मिला है. पिछली बार की अपनी रैंकिंग से तीसरी से 20 पायदान नीचे आ गया है. मंगलवार की देर रात जारी सूची में अमृतसर पहले स्थान पर, दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र के कल्याण-डोंबिवली व तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश का उज्जैन है. चौथे स्थान पर नागपुर व पांचवां स्थान कर्नाटक का मंगलुरू शहर को मिला है. यूपी के शहरों में बनारस से बेहतर आगरा और कानपूर की रैंकिंग है. उन्हें क्रमशः दसवीं और 13वीं रैंकिंग मिली.
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दूसरे राउंड में मिली जगह
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी स्मार्ट सिटी की रैंकिंग शहरों में स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से क्रियान्वित व प्रस्तावित योजनाओं के अलावा विकास कार्यों की निविदा के आधार पर योजनाओं की स्थिति के आंकलन के बाद तय की गयी है. इस साल 27 मार्च को जारी सालाना रैंकिंग में बनारस को देश में तीसरा स्थान पर था, लेकिन 18 मई को शहरी विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों में अपना शहर 20 पायदान नीचे चला गया. कोरोना संक्रमण काल के दौरान स्मार्ट सिटी के विकास कार्यं का प्रभावित होना वाराणसी की रैंकिंग को नीचे की ओर ले गया. शहरी विकास मंत्रालय की ओर से कई राउंड में अलग-अलग शहरों की सूची जारी की गई है. इसमें विभिन्न श्रेणियां बनाई गई हैं. बनारस को दूसरे राउंड में शामिल किया गया है. कोरोना काल को देखते हुए इन शहरों में प्रोजेक्ट की गति धीमी होने को स्वाभाविक प्रक्रिया मानते हुए इसे रैंकिंग में बड़ा आधार नहीं माना गया है. लेकिन विभागीय तौर पर नये प्रोजेक्ट बनाने, उनके डीपीआर तैयार करने व योजनागत प्रगति को मुख्य आधार बनाया गया है.
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बदल रहा है बनारस
स्मार्ट सिटी के तहत ढेरों काम बनारस में हो रहे हैं. 837 करोड़ की तमाम योजनाओं में से या तो पूरी हो चुकी हैं या पूरी होने वाली हैं. स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं की बात करें तो 261 करोड़ रुपये की 16 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है. करीब 561 करोड़ की 25 योजनाएं गतिमान हैं. स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा री-डेवलपमेंट वार्ड आफ ओल्ड काशी परियोजना के तहत छह वार्डों राज मंदिर लागत-13.53 करोड़, काशी काल भैरव लागत-16.24 करोड़, कामेश्वर महादेव लागत-17.09 करोड़, जंगमबाड़ी लागत-12.65 करोड़, दशाश्वमेाध लागत-16.22 करोड़ आदि में मूलभूत सुविधाओं से युक्त विकास का कार्य लगभग पूरा हो गया है. नगर निगम मुख्यालय के बगल में भव्य कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष बन रहा है. खिड़किया घाट समेत गोदौलिया मल्टी लेवल पार्किंग, बेनियाबाग पार्किंग व मैदागिन पार्किंग का काम चल रहा है. गोदौलिया पार्किंग का काम लगभग पूरा हो चुका है.
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