बुजुर्गों के साथ बुरा बर्ताव?
जिस देश में मां-बाप को भगवान का दर्जा दिया जाता है, जहां पर अतिथि को देवता के समान माना जाता है, उसी देश में बुजुर्गों का अपमान क्यों होता है? जबकि बुजुर्गों को भगवान का आशीर्वाद माना जाता है। क्योंकि ये बुजुर्ग हमारी और हमारे देश की संस्कृति के पहचान है।
आप को बता दें कि बुढ़ापा एक ऐसा सच है जिसका हर किसी को सामना करना ही पड़ता है। जो भी आज युवा है उसे एकदिन इस उम्र की दहलीज पर कदम रखना ही पड़ेगा। आज नहीं तो कल आप और हम इस बुढ़ापे की तस्वीर में जरुर नजर आयेंगे।
फिर ऐसा क्या है कि बुजुर्गों के साथ लोग भेदभाव करते हैं और उन्हें समाज में जो सम्मान मिलना चाहिए वो क्यों नहीं मिलता है। जबकि हर इंसान को पता है कि एकदिन वो भी इस दहलीज पर जरुर पहुंचेगा। बुजुर्गों के साथ समाज में और सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले दुर्व्यवहार को लेकर एक सर्वे हुआ, जिसमें पाया गया कि देश में बुजुर्गों के साथ उनके पहनावे को लेकर, सड़क पर चलने को लेकर साथ ही ऐसी बहुत सी चीजें है जिनकी वजह से उन्हें इस समाज से तिरस्कार के अलावा कुछ भी नहीं मिलता है।
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कुछ बुजुर्गों का कहना है कि उन्हें सड़क पर चलने में डर लगता है, तो कुछ का कहना है कि उन्हें घर से निकलने में भी डर लगता है। सर्वे के मुताबिक महानगरों में 44 प्रतिशत बुजुर्गों के साथ भेदभाव और अत्याचार किया जाता है। वहीं 53 प्रतिशत बुजुर्गों का मानना है कि उनकी उम्र को लेकर उनके साथ बुरा बर्ताव होता है और बर्ताव करने वाला आसानी से बच निकलता है।
इस तरह से बुजुर्गों के साथ हो रहे भेदभाव और अत्याचार को रोकने के लिए सबसे पहले लोगों को अपनी इस क्षीण मानसिकता में बदलाव लाना होगा। अगर सभी युवा पुरुष और महिलाएं इस बात को ध्यान में रख लें कि एक दिन वो भी इस मुकाम पर जरुर पहुंचेंगी जहां आज ये हमारे बुजुर्ग हैं, तो शायद इनके साथ हो रहे भेदभाव में कमी लाई जा सकती है।
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