Delhi: 36 घंटे से दहक रहा दिल्ली के गाजीपुर कूड़े का पहाड़, नहीं पाया जा सका काबू
लैंडफिल साइट पर सुलगी सियासत, बीजेपी और आप आमने सामने
Delhi: 36 घंटे बाद भी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग को नियंत्रित नहीं किया जा सका है, कूड़े के पहाड़ पर लगी आग से आसपास के क्षेत्र में धुएं का घना धुआं उठ गया, जिससे स्थानीय लोगों को सांस लेने में काफी मुश्किल हुई.
लैंडफिल साइट पर रविवार शाम लगभग साढ़े पांच बजे लगी आग पर 90 प्रतिशत नियंत्रण सोमवार देर रात टीम ने किया. देर रात एमसीडी ने कहा कि, लगभग 40 – 50 छोटी लपटें तीन हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में बची हुई हैं और आग का 90 प्रतिशत बुझा दिया गया है. आग बुझाने के लिए लगभग 600 मीट्रिक टन निष्क्रिय और C&D कचरा उपयोग किया गया. आग को नियंत्रित करने में 16 एक्सकेवेटर, 2 बुलडोजर और छह दमकल गाड़ियों की मदद ली गई. साथ ही स्प्रिंकलर की मदद से आसपास के क्षेत्र में छिडकाव किया गया ताकि धूल के कण न उड़े.
बीजेपी ने लगाया लापरवाही का आरोप
अधिकारियों ने बताया कि, गर्म और शुष्क मौसम आग का संभावित कारण हैं, 2022 में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर भी आग लगने की तीन घटनाएं हुईं. 28 मार्च को इमसे में लगी आग को बुझाने में पांच सौ घंटे से अधिक का समय लगा. दिल्ली सरकार ने सोमवार को अपने पर्यावरण विभाग को आग लगने के कारणों पर एक विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया, साथ ही गर्मियों में ऐसे स्थानों पर घटनाओं को रोकने के लिए उपायों की एक योजना भी देने का आदेश दिया. वहीं, भाजपा ने एमसीडी की सरकार पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया है.
अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया मामला
वहीं, इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने कहा कि, आईपीसी की धारा 336 और 278 के तहत गाजीपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू हो गई है. वही दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि, ”आप के नेतृत्व वाली एमसीडी की “आपराधिक लापरवाही” आग के लिए जिम्मेदार है, जबकि घटनास्थल का दौरा करने पहुंची शैली ओबेरॉय ने कहा कि यह राजनीति का समय नहीं है. एमसीडी इस घटना की जांच करेगी.”
इससे पहले एक दिन दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रमुख सचिव पर्यावरण और वन को 48 घंटे के अंदर आग लगाने की रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. उनका कहना था कि पिछले कुछ सालों में भी ऐसी आग की घटनाएं हुईं. लैंडफिल साइट का दौरा करने के बाद, उन्होंने कहा, “मैंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न निर्देश जारी किए हैं।”‘
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आपको बता दें कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2022 के एमसीडी चुनावों से पहले 31 दिसंबर, 2023 तक लैंडफिल साइट को साफ करने का वादा किया था. 2017 में एक डंपिंग यार्ड में कचरे का एक हिस्सा बगल की सड़क पर गिर गया, जिससे जनहानि हुई. जबकि 2019 में गाजीपुर लैंडफिल की ऊंचाई 65 मीटर थी, जो कुतुब मीनार से केवल आठ मीटर कम थी.