2028-29 तक बंद होगा डेबिट कार्ड इस्तेमाल, जानें वजह ?
भारत में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल की दर तेजी से बढ़ रही है. इस दर में सालाना करीब 15 प्रतिशत तक वृद्धि हो रही है. वहीं यह वृद्धि 20 करोड़ तक पहुंचने के आसार जताए जा रहे हैं. इस बात का दावा पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि, ” क्रेडिट कार्ड उद्योग ने पिछले पांच वर्षों में जारी किए गए क्रेडिट कार्ड की संख्या को दोगुना करते हुए महत्वपूर्ण विस्तार हासिल किया है. यह गति जारी रहने की उम्मीद है. आने वाले वर्षों में बाजार यह वृद्धि दोहरा सकती है.”
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 28-29 तक भारत के क्रेडिट कार्ड बाजार में कार्डों की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है और यह आंकड़ा 20 करोड़ कार्ड तक पहुंच सकते हैं. पिछले पांच वर्षों में क्रेडिट कार्ड उद्योग में शत प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बाजार इस वृद्धि को अगले पांच वर्षों में दोहरा सकता है.”
”लेन-देन की गतिविधियों में भी हुई पर्याप्त वृद्धि ”
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि,” क्रेडिट कार्ड जारी करने के अलावा इनसे होने वाली लेन-देन की गतिविधियों में भी पर्याप्त वृद्धि आई है. लेन-देन की मात्रा या संख्या में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि लेन-देन के मूल्य में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में इस वृद्धि का श्रेय नए उत्पादों की शुरूआत, अभिनव पेशकशों और ग्राहक खंडों के विस्तार को दिया गया है.”
दूसरी ओर रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि क्रेडिट कार्ट की वजह से डेबिट कार्ड का उपयोग कम हो गया है. डेबिट कार्ड का लेन-देन और उनका मूल्य दोनों घट गए हैं. यह ग्राहक की पसंद में बदलाव को दिखाता है. डेबिट कार्ड पर लेन-देन की मात्रा पिछले वर्ष की तुलना में 33% कम हो गई और साल-दर-साल खर्च 18% कम हो गया है.
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वित्त वर्ष 23-24 में आई गिरावट
इसके आगे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, “देश में डेबिट कार्ड ने कार्ड जारी करने के मामले में धीमी वृद्धि देखी गई है. डेबिट कार्ड की मात्रा और मूल्य में वित्त वर्ष 23-24 के दौरान महत्वपूर्ण गिरावट आई है.” इस गिरावट का श्रेय यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की बढ़ती लोकप्रियता को दिया जाता है , जो उपयोग में आसान है और अपने शून्य मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) के कारण छोटे से मध्यम व्यापारियों के लिए पसंदीदा भुगतान पद्धति बन गया है.