विदेश से एक बेटी ने अपनी कानपुर में रह रही मां की जान बचा लेने की गुहार लगाई है. संक्रमित पिता स्वास्थ्य विभाग की कुव्यवस्था के शिकार हो गई थी जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। इस घटना से व्यथित बेटी इस बात को लेकर परेशान है कि मां की जिंदगी किसी तरह बच जाए।
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घर में अकेले, माँ-पिता दोनो हुए संक्रमित
मूलरूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाले दंपति पिछले कुछ समय से कानपुर में रह रहे थे। इनकी बेटी मंजू कैलीफोर्निया में रहती हैं जो साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उनकी शादी हो चुकी है और पति भी साथ ही कैलिफोर्निया में रहते हैं। इनकी मां और पिता यहां अकेले पड़ गए थे। मां और पिता दोनों को कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे थे। 9 अप्रैल को जब जांच हुई तो दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दो दिन में ही माता-पिता की हालत बिगड़ने लगी तो कैलिफोर्निया में मंजू परेशान हो गईं।
उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कई ग्रुपों से संपर्क करने की कोशिश की। खुद के बेटे की तबियत ठीक न होने के कारण से वह खुद नहीं आ साक़ी। सांस की समस्या को लेकर वह बेटे का इलाज करा रही थीं। इस बीच उनका कानपुर के एक ब्लड डोनर ग्रुप पीजीएसएस से संपर्क स्थापित हो गया। उन्होंने व्हाट्सएप के जरिए मदद मांगी। युवाओं का कुछ ग्रुप आगे आया और उनके पिता को किसी तरह हैलट अस्पताल में भर्ती करा दिया।
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WhatsApp से जुड़े मदद करने वाले लोग.
मंजू ने व्हाट्सएप के जरिए बताया कि 14 को पिता भर्ती हुए तो रेमडेसिविर की जरूरत थी।इसकी व्यवस्था नहीं हो पाई और 15 अप्रैल को उन्होंने अंतिम सांस ली। इसी बीच मां की तबीयत बिगड़ी तो मंजू ने गुहार लगाई कि किसी तरह मां की जान बचा लो। युवाओं के इसी ग्रुप ने महापौर प्रमिला पाण्डेय और उनके बेटे अमित की मदद से रामा मेडिकल कॉलेज के लिए सीएमओ का रेफरल लेटर बनवाया और वहां भर्ती करा दिया। हकीकत यह है कि जीवन और मौत से संघर्ष कर रहीं मंजू की मां को यह तक पता नहीं है कि उनके पति इस दुनिया में नहीं रहे। मंजू चाहती हैं कि किसी तरह मां अस्पताल से बाहर बचकर आ जाएं।
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