प्रदेश में एक दारोगा महिला सिपाही के साथ फरार हो गया. वहीं मामले की जानकारी होते ही जिले के एसपी ने एक बड़ा आदेश दिया है. कप्तान के अब बाद थानेदार की टेंशन बढ़ गई हैं.
दारोगा महिला सिपाही के साथ फरार
मिली जानकारी के मुताबिक घटना बिहार के बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर थाना क्षेत्र की है, जहां एक दारोगा महिला सिपाही के साथ फरार हो गया है. वहीं एसपी ने थानेदार को फरार दारोगा और महिला सिपाही को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है.
SP ने दिए गिरफ्तार करने के आदेश
बताया जा रहा है कि 20 दिन बीत जाने के बाद भी बेगूसराय पुलिस उसे खोज नहीं सकी है. फरार होने का कारण यह है कि खोदावंदपुर थाना क्षेत्र के मेघौल गांव निवासी संगीता हत्याकांड में आरोपित वर्तमान में बलिया थाना में पदस्थापित एसआइ राजकुमार सिंह और उसकी पत्नी बिहार पुलिस के जवान हेनु कुमारी को गिरफ्तार करने का आदेश पुलिस अधीक्षक बेगूसराय ने अनुसंधानकर्ता को दिया है.
एसपी कार्यालय से गिरफ्तारी आदेश जारी होने की सूचना मिलते ही दोनों आरोपी फरार बताये जा रहे हैं। जिसकी खोज में पुलिस की छापेमारी जारी है। लेकिन 20 दिने बाद भी पुलिस के हाथ खाली है, जबकि लोगों में चर्चा है कि कुछ पुलिस पदाधिकारी जानबूझकर बचा रहे हैं।
16 अगस्त 2019 को हुई थी महिला की हत्या
गौरतलब है कि 16 अगस्त 2019 को मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के हनुमानगढ़ी के समीप एक खेत से लावारिस हालत में पुलिस ने एक अज्ञात महिला का शव बरामद किया था। जिसकी पहचान खोदावंदपुर थाना के मेघौल गांंव निवासी अभिषेक कुमार की पत्नी संगीता के रुप में हुई थी।
इस मामले में मृतका के पिता ने पति-ससुर, ननद हेनु कुमारी और ननदोई तत्कालीन मंझौल ओपीध्यक्ष राजकुमार सिंह के विरुद्ध हत्या की नामजद रिपोर्ट दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मृतका के पति अभिषेक एवं ससुर राम सुखित सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
आरोपियों को मिली थी क्लीनचिट
जबकि आरोपी तत्कालीन मंझौल ओपीध्यक्ष राजकुमार सिंह का स्थानांतरण बलिया थाना में एसआई के पद पर कर दिया था। पुलिस जांच एवं वरीय पुलिस पदाधिकारी के पर्यवेक्षण में आरोपी एसआई राजकुमार सिंह, उसकी पत्नी हेनु कुमारी और मृतका की सास रामकुमारी देवी को क्लीन चिट देकर पति एवं ससुर को दोषी सिद्ध किया था।
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उधर दोनो पुलिसकर्मियों को क्लीन चीट दिये जाने से मृतका के पिता बलभद्र सिंह ने पुलिस पदाधिकारी पर आरोपी के पक्ष में काम करने और जांच में धांधली करते हुए निष्पक्ष जांच नहीं करने का आरोप लगाते हुए न्याय के लिये एडीजी और डीजी मुख्यालय से गुहार लगाया।
दोबारा जांच में पाए गए आरोपी
इसके बाद वरीय पदाधिकारियों ने जांचोपरांत राजकुमार सिंह, हेनु कुमारी और रामकुमारी देवी के विरुद्ध आरोप सत्य पाया और 19 मार्च को ही पुलिस अधीक्षक ने गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
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