दैनिक जागरण झांसी के निदेशक यशोवर्धन गुप्त निधन…
गुरूवार को मीडिया जगत से दुखद खबर सामने आई. दैनिक जागरण झांसी के निदेशक यशोवर्धन गुप्त का निधन हो गया. उन्होंने 52 सालों तक पत्रकारिता को अपना सराहनीय योगदान दिया. उनके निधन से पत्रकारिता जगत को भारी क्षति पहुंची है. जानकारी के मुताबित, यशोवर्धन गुप्त ने बुधवार की दोपहर करीब डेढ बजे अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर से मीडिया जगत में शोक की लहर दौड़ गयी.
पिता के साथ शुरू की थी पत्रकारिता
यशोवर्धन गुप्त का जन्म झांसी में 4 अप्रैल 1953 को हुआ था, उन्होंने 1970 में अपने पिता राजेन्द्र गुप्त (प्रबंध संपादक) के साथ काम शुरू किया और 1987 में संपादक बन गए थे. इसके साथ ही यशोवर्धन 52 साल तक पत्रकारिता के लिए समर्पित रहे और बुंदेलखंड के विकास की हमेशा आवाज उठाते रहे. वहीं दैनिक जागरण कार्यालय में वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र अध्वर्यु की अध्यक्षता में शोकसभा में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.
सिद्धान्तों से नही किया कभी समझौता
इस शोकसभा में वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र अध्वर्यु ने यशोवर्धन गुप्त जी को याद करते हुए कहा है कि, ‘दैनिक जागरण के निदेशक भैया जी (यशोवर्धन गुप्त) बड़े ही सरल व सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे. वहीं वरिष्ठ पत्रकार आर.वी.सिंह ने कहा है कि, ‘उन्होंने हमेशा सिद्धान्तवादी पत्रकारिका की और उन्होंने अपने संवाददाताओं को कभी सिद्धान्तों से समझौता न करने की प्रेरणा देते रहे. उनके जाने से जो रिक्तता उत्पन्न हुई है. उसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है. उनके निधन से पत्रकारिता जगत की एक अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती. इस शोक सभा में प्रमुख पत्रकार के.के. भटट, धर्मेश त्रिपाठी, नरेन्द्र अरजरिया, संजय रावत और संजू सिरवैया आदि रहे.
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कैसा रहा पत्रकारिता का सफर
साल 1970 में स्नातक करते ही यशोवर्धन ने अपने पिता व प्रबंध संपादक राजेन्द्र गुप्त के समाचार पत्र का संपादन और प्रसार करने लगे थे. इसके बाद साल 1987 में वे विधिवत रूप से संपादक बन गया थे. 52 वर्ष की पत्रकारिता के दौरान उन्होंने नवाचारों को अपनाया, जो हमेशा स्मरणीय रहेंगे.