मप्र : फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गैंगरेप के आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते 31 अक्टूबर को कोचिंग से घर लौट रही छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने एसआईटी जांच गठित की थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट में हर रोज मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में त्वरित फैसला करते हुए शनिवार को सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुना दी है।
32 अक्टूबर को छात्रा के साथ हुआ था गैंगरेप
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर को यूपीएससी की कोचिंग से घर लौट रही 19 वर्षीय छात्रा के साथ चार बदमाशों ने गैंगरेप किया था। बाद में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पीड़ित छात्रा और उसके परिजनों को थानों के चक्कर लगाने पड़े थे, वह भी तब जबकि पीड़िता के माता-पिता भी पुलिस विभाग में हैं। बाद में पीड़िता और उसके परिजनों ने दो बदमाशों को पकड़कर पुलिस के सामने पेश किया, तब जाकर मामला दर्ज हो पाया।
डॉक्टर मामले में कर रहे थे लीपापोती
इस मामले में पुलिस के साथ-साथ डॉक्टरों के स्तर पर भी लापरवाही देखने को मिली। पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट में इसे डॉक्टरों ने आपसी सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध करार दिया था। हालांकि मामला सामने आने के बाद आनन-फानन में दोबारा संशोधित रिपोर्ट जारी करना पड़ा, जिसमें गैंगरेप की पुष्टि हुई थी।
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मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को राज्य सरकार ने कर दिया था निलंबित
इस मामले में पुलिस की तरफ से हुई लापरवाही के बाद घिरी प्रदेश सरकार ने भोपाल के आईजी योगेश चौधरी को भी हटा दिया था। वहीं एक डिप्टी एसपी को भी हटाया गया। तीन थाना प्रभारी और 2 उप निरीक्षकों को भी निलंबित किया गया। बाद में सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी। इसके बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में डे टू डे सुनवाई हुई। प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने दावा भी किया था कि इस मामले में दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाएगी।
साभार- नवभारत टाइम्स