JC Cafe… जहां स्वाद के साथ दिखेगी खबरों की दुनिया
अपनी तरह का देश का पहला मीडिया वेंचर जर्नलिस्ट कैफे ने प्रदेश की राजधानी व नवाबों के शहर लखनऊ में शनिवार को अपने पहले कैफे को लांच किया, जिसका नाम JC Cafe है. बतौर चीफ गेस्ट जाने-माने कवि नरेश सक्सेना व फेमस डायलॉग राइटर पूर्वा नरेश ने फीता काटकर JC Cafe का उद्दघाटन किया.
JC Cafe में एक अलग तरह की रचनात्मकता के साथ देश-विदेश के लज़ीज़ व्यंजनों का स्वाद मिलेगा. खबरों को विज्ञापन के दबाव से मुक्त रखने के लिए पत्रकारों के द्वारा शुरू किया गया है यह कैफे ‘आम जनता का अपना कैफे’ साबित होगा.
-नरेश सक्सेना, कवि
कैसे अलग है JC Cafe…
JC Cafe, लखनऊ के सिविल अस्पताल के पास 7, पार्क रोड, हज़रतगंज में स्थित है. JC Cafe, कैफे की मूल अवधारणा को लेते हुए भी आम कैफे से अलग है. क्योंकि, जब आप इसके अंदर आएंगे तो आपको ये किसी न्यूज रूम या स्टूडियो जैसा नजर आएगा. यहां आपको इटैलियन, चाइनीज, मैक्सिकन व्यंजनों के स्वाद के साथ ही खबरें भी बनती नजर आएंगी. जिसे आप लाइव डिबेट इंटरव्यू और बुक लांच जैसे इवेंट के जरिये महसूस कर सकेंगे.
JC Cafe के इस सोच के पीछे आज इंटरनेट का वो जमाना है, जिस दौर में पत्रकारिता के मानक न सिर्फ तेजी से बदले हैं, बल्कि इसने हर दिन नये आसमान की उचांइयों को छुआ भी है. निश्चित है इसमें चुनौतियां भी बहुत सी हैं. किसी जानकारी को खबर का रूप देने और फिर उसे लोगों तक पहुंचाने के लिए जरुरी संसाधन जुटाने के लिए ‘पैसा’ कल भी एक चुनौती था और आज भी एक चुनौती है.
इस चुनौती का दमदार तरीके से सामना करने और इससे उबर जाने की छटपटाहट कुछ पत्रकारों को बहुत दिनों से बेचैन कर रही थी. इसी बेचैनी के गर्भ से पत्रकारिता के एक ऐसे मॉडल ने जन्म लिया है जिसका नाम है JC Cafe.
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि विज्ञापनों के चलते खबरों को लेकर अक्सर समझौता करना पड़ता है. इसलिये JC Cafe कोई भी खबर, अवरोधक विज्ञापन पर आधारित हुए बिना अपने आमदनी से संचालित न्यूज पोर्टल Journalist Cafe के माध्यम से आप तक निष्पक्ष-निर्भीक-निडर खबरें पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध हैं. इस दिशा में Journalist Cafe को आर्थिक तौर से सक्षम रखने के लिए ही इस नूतन प्रयोग JC Cafe की आधारशिला रखी गई है. जहां आपको इटैलियन, चाइनीज, मैक्सिकन व्यंजनों के स्वाद का खजाना मिलेगा.
हमारा प्रयास है कि इस कैफे से होने वाली आमदनी से ही न्यूज प्लेटफार्म को संचालित कर सकें. विज्ञापन के दबाव में खबरों से समझौता न करने की स्थिति तभी बनेगी जब हम आत्मनिर्भर हों. लेकिन, इसका मतलब ये नहीं कि विज्ञापन नहीं होंगे, विज्ञापन होंगे मगर विज्ञापन की शर्त पर खबरों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं होगा. इस मुहिम में आप सब की सहभागिता भी जरूरी है. इसलिए इसकी टैगलाइन या मूल अवधारणा है ‘पत्रकारों के द्वारा, आम जनता का अपना कैफ़े.’
JC Cafe का विज्ञापन के बोझ से दबी पत्रकारिता से अलग पत्रकारिता पहला मकसद जरूर है. लेकिन, इससे बड़ा मकसद है विभिन्न जिलों में सामाजिक सरोकार से जुड़ी पत्रकारिता कर रहे आम पत्रकारों को मजबूत संबल देना और उनके लिए पत्रकारिता के साथ रोजगार का एक ऐसा साधन मुहैया कराना. जिससे वह सही मायनों में पत्रकारिता के उद्देश्य को चरितार्थ करते हुए बिना किसी दबाव के पत्रकारिता कर सकें. इसके लिए Journalist Cafe न सिर्फ विभिन्न जिलों में पत्रकारों को फ्रेंचाइजी देगा बल्कि सभी तरीके के सपोर्ट सिस्टम के साथ उनके जिले में कैफे स्टैबलिश कराने के बाद उनकी खबरों को भी मजबूती के साथ प्रकाशित करेगा.
मैन्यू कार्ड भी अनोखा…
JC Cafe पत्रकारों के साथ आम आदमी के अंदर के छुपे पत्रकार को भी बाहर लाकर उनकी प्रतिभा और मौलिक रचनात्मकता को जगह देगा. इसके लिए JC Cafe ने एक और खास पहल की है, जो इस कैफे के मैन्यू कार्ड से जुड़ी है. यह मैन्यू कार्ड एक मासिक अखबार की तरह होगा, जिसमें कैफे में उपलब्ध व्यंजनों के इतिहास के साथ बाकी के पन्नों पर यहां आने वाले लोगों की मौलिक रचनाओं को भी स्थान दिया जाएगा और उसे लोगों तक पहुंचाया भी जाएगा. आम आदमी के अंदर छुपे हुए पत्रकार को लोगों के सामने लाने का यह एक अलग प्रयास होगा.
इस कैफे के भव्य उद्दघाटन के मौक़े पर शहर के गणमान्य नागरिक, जानें-मानें पत्रकार व साहित्यकार उपस्थित रहे. सभी ने इस अनूठी पहल को न सिर्फ शिद्दत से जाना, बल्कि उसकी सराहना भी की और कहा कि ये पहल ख़बरों की दुनिया में एक अलग स्थान बनाने वाला प्रयोग साबित होगा.