कोरोना का साइड इफेक्ट: फार्मा इंडस्ट्री के अलर्ट के बाद बढ़ सकती हैं दवाओं की कीमतें
आयात-निर्यात की गाड़ी पटरी से उतर गयी है
चीन में कोरोना वायरस का कहर क्या टूटा उसका असर आम लोगों की जेब पर पूरे विश्व में पड़ना शुरू हो गया है।
इसका काफी असर भारतीय बाजार पर पड़ा है। यहां दवाओं की कीमतें तेजी से बढ़ने जा रही हैं।
अखबारों की खबरों की मानें तो अब कोरोना वायरस का असर दिखने लग गया है।
चीन, जापान, कोरिया सहित ईरान व अन्य देशों में तो कोरोना वायरस का प्रकोप कायम है। बीमारी का भय दुनिया भर में फैला गया है।
आयात-निर्यात की गाड़ी पटरी से उतर गयी है
कई वस्तुओं का आयात-निर्यात की गाड़ी पटरी से उतर गयी है। ऐसे में देश की फार्मा इंडस्ट्री पर भी संकट का बादल मंडराने लगा है। कई दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं। वहीं अब, इनके संकट का खतरा भी मंडरा रहा है।
फार्मा इंडस्ट्री ने अलर्ट जारी किया है
कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन ऑफ यूपी के प्रवक्ता सुरेश कुमार के मुताबिक, फार्मा इंडस्ट्री ने अलर्ट जारी किया है। कोरोना वायरस की वजह से चीन से दवा निर्माण में आवश्यक रॉ मैटीरियल (कच्चा माल) नहीं आ पा रहा है। वहीं, यूरोप से रॉ मैटीरियल महंगा पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा असर जेनेरिक दवाओं पर पड़ रहा है। लिहाजा, जनवरी से अब तक कई दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं। व्यापरियों को महंगी दरों पर दवा खरीदनी पड़ रही है। अधिकतर कंपनियों ने दवाओं पर छूट देना बंद कर दिया है। फार्मा इंडस्ट्री ने फरवरी के पहले सप्ताह में 33 दवाओं की ‘अलार्मिंग सिचुएशनÓ लिस्ट जारी की। इसमें 20 जनवरी से 14 फरवरी तक दवा शुल्क में हुई वृद्धि का हवाला दिया गया।
जेनेरिक दवाओं के दामों पर सर्वाधिक असर
फार्मा इंडस्ट्री द्वारा 20 जनवरी से 14 फरवरी तक दवा कीमतों में वृद्धि की गई। इसमें क्लोरोफेनिकॉल में 17 फीसद, टेट्रा साइक्लिन में 12, एजिथ्रोमाइसीन में 44, सेफ्ट्रॉक्सिन में 31,क्लेव एविकल में 36, जेंटामाइसिन में 15, डॉक्सीसाइक्लिन में 16 , नॉरफ्लॉक्सिन में 11, ओफ्लॉक्सिन में 13, क्लेव सिलॉएड में 38, सिप्रोफ्लैक्जासिन में 40, डेक्सामेथासोनमें 45, अमाइकासीन 21, पैरासीटामाल में 72 , सेफोटेक्साइम में 13, डाइक्लोफेनक सोडियम में28, मेफीनेमिक एसिड में 17, ब्रूफेन में14, रेनीटीडिन में 8, एमॉक्सी सिलीन में 48, क्लोबेटा सोल में 6, ऑरनीडजोल में 73, टिनीडेजोल 61, पेंटा पाउडर 33, ओमेप्रजोल पेलेट्स में 7, सेफेक्जमी ट्राइ हाइड्रेट में 20, पेंटा प्रोजोल स्टेरिली में 7, क्लोटरी मजोल में 24, ट्रामाडोल में 20, निमी सुलाइड में 167, ट्रिमेथो प्राइम में 7, सुल्फामेथाजोल में 4, क्लोजा सिलीन में 18 फीसद महंगी हुई हैं।