राजस्थान में कांग्रेस नए चेहरों पर दांव खेलना करेगी पसंद
विधानसंभा चुनाव में हार के बाद पार्टी संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी
राजस्थान: पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में मिली हार की बाद आज राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गयी है. जयपुर स्थिति कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया है. बैठक में सभी नेता शमिल होंगे. बताया जा रहा है कि राजस्थान में हार की बाद कांग्रेस एक बार फिर पार्टी संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी की साथ नए चेहरों पर दांव खेलना पसंद करेगी. सूत्रों से मिल रही जानकारी की मुताबिक इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री आशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा और प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा मौजूद रहेंगे. वहीँ, पर्वेक्षक की तौर पर भूपेंद्र हुड्डा भी होंगे.कहा जा रहा है कि इस हार में पार्टी से कहां चूक हुई है इस पर वार्ता होगी और विधायक दल की नेता का चयन भी होगा. वहीं नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी चर्चा तेज हो गयी है.
नरेंद्र बुढ़ानिया का नाम आगे-
सूत्रों से मिली जानकारी की मुताबिक बैठक में नेता प्रतिपक्ष को लेकर जोड़ तोड़ शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि PCC चीफ डोटासरा, सचिन पायलट या नरेंद्र बुढ़ानिया नेता परिपेक्ष बन सकते हैं. वहीँ, अंदर खाने से मिली जानकारी की मुताबिक नरेंद्र बुढ़ानिया का नाम सबसे आगे है. क्योंकि वह राजस्थान से सांसद भी रह चुके हैं और किसान नेता के तौर पर उनकी छवि बहुत अच्छी है.लेकिन सचिन पायलट को लेकर हर बार की तरह इस बार भी अशोक गहलोत अपना वीटो लगा सकते हैं.
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जाट नेता श्रवण कुमार भी रेस में शामिल-
राजस्थान के सियासी जानकारों का कहना है कि जाट नेता और सचिन पायलट समरयहक शरण कुमार भी इस रेस में शामिल हैं. कहा जा रहा है कि इस बार पार्टी किसी जाट को नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा दे सकती है. राज्य में इस बार भी जाटों ने कांग्रेस को निराश किया है. पार्टी ने इस बार ३२ जाटों को टिकट दिया था जिसमे मात्रा 16 ही जीतकर आ पाएं है. यह निर्णय पार्टी की अध्यक्ष और सोनिया गांधी पर छोड़ा जा सकता है.