कांग्रेस ने रविवार को बेंगलुरू में 662 करोड़ रुपये के हाउसिंग प्रोजेक्ट मामले में राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से इस्तीफा मांगा और इस कथित घूस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग की। इसके साथ ही पार्टी ने भाजपा के चुप्पी पर भी सवाल उठाए। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के पदेन न्यायाधीश की निगरानी में मामले में दो महीने के अंदर समय पर जांच पूरी होनी चाहिए।”
एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि मामले में न्यायिक जांच जरूरी है, क्योंकि मुख्यमंत्री के परविार समेत पोते शशिधर मराडी का नाम भी इस घोटाले के कथित लाभुकों में शुमार है।
उन्होंने इस बाबत येदियुरप्पा से इस्तीफे की मांग की।
बीडीए कमिश्नर और कांट्रैक्टर के खिलाफ मामला दर्ज
कांग्रेस नेता ने मामले में मुख्यमंत्री के बेटे विजयेंद्र येदियुरप्पा के कथित ऑडियो बातचीत, कांट्रेक्टर और मराडी के बीच वाट्सअप बातचीत, बैंक खातों में करोड़ों रुपये के ट्रांसफर, मुख्यमंत्री के पोते के कंपनियों में पैसे को ट्रांसफर इत्यादि की ओर इशारा किया। साथ ही उन्होंने मुख्यरमंत्री के आवास में काम करने वाले अधिकारियों की मामले में संलिप्तता पर भी अंगुली उठाई।
कांग्रेस नेता ने कहा, “यह सही है कि विजयेंद्र को बीडीए कमिश्नर की ओर से कांट्रैक्टर से मुख्यमंत्री और उनके बेटे के नाम पर 12 करोड़ रुपये के घूस लेने की स्पष्ट जानकारी थी? फिर क्यों नहीं भ्रष्ट्राचार रोकथाम अधिनियम और अन्य मामलों में बीडीए कमिश्नर और कांट्रैक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।”
उन्होंने पूछा, “मुख्यमंत्री के बेटे ने बीडीए कमिश्नर के ट्रांसफर के बारे में क्यों कहा, जबकि उसके खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए जाने थे?”
सिंघवी ने साथ ही पूछा कि क्यों मुख्यमंत्री ने कांट्रेक्ट रद्द नहीं किया और मामले में एफआईआर का आदेश नहीं दिया।
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