कर्नाटक निकाय चुनाव 2018: वोटों की गिनटी जारी, बीजेपी से कांग्रेस आगे…
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर सत्तारूढ़ जेडीएस-कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं। इस बार यह सियासी टक्कर नगर निकाय चुनाव को लेकर है। राज्य की एचडी कुमारस्वामी की सरकार पर भले ही इसके नतीजों का कोई असर न हो पर 2019 से पहले कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रखने के लिए जीत जरूरी है।
राज्य के 102 शहरी स्थानीय निकाय में हो रहे चुनाव में 2664 सीटों में से 1412 पर परिणाम घोषित हो गया है। इनमें कांग्रेस ने बढ़त बनाई हुई है। कांग्रेस ने 560 सीटें, बीजेपी ने 499 और जेडीएस ने 178 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं 150 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीतीं।
अपडेट @11:43
संकेश्वर नगरपालिका में कांग्रेस और बीजेपी ने 11 वार्डों में जीत हासिल की। एक सीट निर्दलीय के खाते में। अब निर्दलीय अजीत कराजगी नगर पालिका में रूलिंग पार्टी के निर्णय के लिए किंगमेकर की भूमिका में होंगे।
अपडेट @11:30
जेवारगी में गिनती समाप्त। 23 सीटों में से 21 पर परिणाम की घोषणा हुई। इनमें बीजेपी को 16, कांग्रेस को 3 और जेडीएस को 2 सीटें मिलीं। वहीं अलांद की कुल 27 सीटों में से बीजेपी ने 13 में जीत दर्ज की। कांग्रेस ने 13 और जेडीएस को 1 पर जीत मिली।
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अपडेट @11:15
मैसूर नगर निगम में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है। निप्पनी नगर पालिका के सभी 31 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। यह बीजेपी विधायक शशिकला जोले का गृहजनपद है।
अपडेट@11:02 AM
बंतवाल कस्बा नगर पालिका परिषद के 27 वार्डों में से 12 सीटें कांग्रेस, बीजेपी को 11, एसडीपीआई को 4 सीटें मिलीं। जेडीएस के जिलाध्यक्ष और चार बार पार्षद रहे चेलुवेगौड़ा को लोकनायकनगर के वॉर्ड नंबर 4 से निर्दलीय उम्मीदवार पैलवान श्रीनिवास से हार मिली।
अपडेट@10:55AM
पुत्तुर में 31 वार्डों में से बीजेपी ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की, कांग्रेस को 5 और एसडीपीआई को 1 सीट मिलीं। वहीं उल्लाल में 31 वार्डों में से कांग्रेस को 13 सीटें, बीजेपी को 6, एसडीपीआई को 6 और जेडी (एस) को 4 और निर्दलीय को 2 सीटों पर जीत मिली।
अपडेट @10:30AM
हसन में जेडीएस ने 31 वार्डों में से अब तक 6 पर जीत दर्ज की है। चन्नापटना में भी 2 सीटों पर जेडीएस जीत हासिल कर चुकी है। वहीं, अन्य निकायों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच नजदीकी मुकाबला है। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को उम्मीद है कि 50 फीसदी सीटें भी अगर कांग्रेस-जेडीएस मिलकर जीतती हैं तो भी यह काफी होगा।
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वहीं, कई सीटों पर कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है। बीजेपी ने दक्षिण कन्नड़ जिले की उल्लल नगरपालिका में जीत दर्ज की। उत्तर कर्नाटक में भी बीजेपी बढ़त बनाए हुए है। यहां 31 अगस्त को वोट डाले गए थे। इस चुनाव में तीनों ही दल अलग-अलग मैदान में उतरे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि नगर निकाय चुनाव में जिस दल को सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी, उसका 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मनोबल ऊंचा रहेगा।
फिलहाल 29 से ज्यादा नगरपालिकाओं में फैले 2,592 वार्डों, 53 कस्बों की नगर पालिकाओं, 23 नगर पंचायतों और तीन नगर निगमों के 135 वार्डों में हुए चुनाव की काउंटिंग कड़ी सुरक्षा के बीच जारी है। कुल 8,340 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है। शहरी निकाय चुनावों में कांग्रेस के 2,306 उम्मीदवार, भारतीय जनता पार्टी के 2,203 और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के 1,397 मैदान में हैं।
कांग्रेस के सर्वाधिक उम्मीदवार
814 शहर निगमों में कांग्रेस से 135, बीजेपी से 130 और जेडीएस से 129 उम्मीदवार शामिल हैं। माना जा रहा है कि अधिकांश नतीजे सोमवार रात या मंगलवार सुबह तक आ जाएंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2013 में 4976 सीटों पर मतदान हुआ था और इसमें कांग्रेस को 1960, बीजेपी और जेडीएस को 905-905 सीटें मिली थीं। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों को 1206 सीटें मिली थीं।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस चुनाव के परिणामों का एचडी कुमारस्वामी सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा जो अपने कार्यकर्ताओं के दबाव में आकर अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। इसके बावजूद, इस नगर निकाय चुनाव में जिस पार्टी को ज्यादा सीटें मिलेंगी, उसका मनोबल आगामी लोकसभा चुनाव में जरूर बढ़ा रहेगा।
(साभार- NBT)
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