मोदी : भारत-इजरायल सीईओ फोरम के नए अध्याय की शुरुआत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां गुरुवार को कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है, क्योंकि यहां भारत तथा इजरायली(Israeli) कंपनियों के पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) फोरम में पांच अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर हुए और दोनों देशों के स्टार्ट-अप तथा प्रवर्तकों को जोड़ने के लिए भारत-इजरायल नवाचार कोष की शुरुआत की गई है।

भारत तथा इजरायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत-इजरायल के संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। इसका प्रेरक बल लोगो के जीवन को बेहतर बनाने की चुनौतियां हैं।”

सीईओ फोरम ने पांच साल के भीतर द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा पांच अरब डॉलर से बढ़ाकर 20 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। फोरम ने छह संयुक्त कमेटियों का गठन किया है, जिनमें स्टार्ट-अप, फार्मा व लाइफ साइंसेज, गृह सुरक्षा, कृषि, ऊर्जा तथा जल क्षेत्र हैं।

मोदी ने इजरायल के कॉरपोरेट दिग्गजों को बताया कि भारत ने विनियमन तथा नीति से संबंधित कई मुद्दों का समाधान कर दिया है, जिनसे कारोबारियों व कंपनियों को जूझना पड़ता था। उन्होंने कहा, “वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भारत में अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है। अब हम एक आधुनिक कर व्यवस्था की तरफ बढ़ रहे हैं, जो पारदर्शी, स्थिर तथा उम्मीद के मुताबिक है।”

मोदी ने एक ‘स्टार्ट-अप राष्ट्र’ के रूप इजरायल की ख्याति की सराहना की। उन्होंने कहा, “इसके पास नवाचार तथा उसे आगे बढ़ाने के लिए एक अनोखी समझ तथा माहौैल है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “स्टार्ट-अप इंडिया में भारत-इजरायल की भागीदारी के लिए असीम संभावनाएं हैं। मैं खुश हूं कि भारत-इजरायल स्टार्ट-अप सेतु आज औपचारिक तौर पर शुरू हो गया।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के अपने समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मिलकर गुरुवार को भारत-इजरायल नवाचार सेतु लॉन्च किया, जिसका मकसद दोनों देशों की स्टार्ट-अप कंपनियों तथा प्रवर्तकों को आपस में जोड़ना है।

सेतु का उद्देश्य कृषि प्रौैद्योगिकी, जल प्रौद्योगिकी तथा डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों में इजरायली तथा भारतीय कंपनियों को फायदा पहुंचाना है।

भारत के पास 15.735 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि है, जबकि 500 से अधिक इजरायली प्रौद्योगिकी कंपनियां हैं। इसी तरह, भारत भूजल का सबसे बड़ा उपभोगकर्ता है, जबकि इजरायल जल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे बड़ा निवेशक है।

साल 2018 तक सस्ती स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं ढूंढ़ने वाली की तादाद 60 करोड़ पहुंच जाएगी। डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में इजरायल की 385 कंपनियां कार्यरत हैं, जो इसका एक समाधान प्रदान कर सकती हैं।

मोदी तथा नेतन्याहू ने दिन के कार्यक्रम की शुरुआत हैफा भारतीय कब्रिस्तान पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ शुरू की, जहां प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मारे गए राष्ट्रमंडल सैनिकों के 49 कब्र हैं। इनमें से 44 भारतीय सैनिक थे।

हैफा को मैसूर तथा जोधपुर लॉन्सर ने तुर्की तथा जर्मन सेना के कब्जे से 23 सितंबर, 1918 को आजाद कराया था। दोनों नेताओं ने मेजर दलपत सिंह की एक प्रतिमा का भी अनावरण किया, जिनके नेतृत्व में जोधपुर लॉन्सर ने लड़ाई लड़ी थी। दोनों नेता एक अलवणीकरण संयंत्र में समुद्री जल के शुद्धिकरण की प्रक्रिया से रूबरू हुए।

प्रधानमंत्री ने आपदा-प्रभावित तथा सुदूरवर्ती इलाकों के लिए इजरायल द्वारा विकसित समुद्री जल के अलवणीकरण तथा शुद्धिकरण प्रक्रिया का डेमो देखा।

दोनों नेता एक विशेष जीप से समुद्र के किनारे पहुंचे, जिसमें मोबाइल अलवणीकरण संयंत्र को भी लाया गया था। मोदी तथा नेतन्याहू समुद्र तट पर कुछ दूरी तक नंगे पैर पैदल भी चले।

गल-मोबाइल एक स्वतंत्र, एकीकृत जल शुद्धिकरण वाहन है, जिसे उच्च गुणवत्ता का पेयजल उत्पन्न करने के लिए तैयार किया गया है।

यह प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, जटिल इलाकों में सेना के इस्तेमाल तथा ग्रामीण इलाकों में पेयजल प्रदान करने के लिए उपयोगी है।

मोबाइल संयंत्र एक दिन में 20,000 लीटर समुद्री जल का शुद्धिकरण कर सकता है, साथ ही यह रोजाना 80,000 खारा, गंदा या दूषित पानी को पीने योग्य बना सकता है। यही नहीं, इसके द्वारा उत्पन्न पानी की गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों के अनुरूप होती है।

भारत इजरायल से जल प्रबंधन तथा पुनर्चक्रण में सहयोग की उम्मीद कर रहा है, क्योंकि इन क्षेत्रों में देश को महारत हासिल है।

मोदी मंगलवार को तीन दिवसीय दौरे पर इजरायल पहुंचे थे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला इजरायल दौरा है। दौरे के दौरान भारत-इजरायल ने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक भागीदार का दर्जा दिया।

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