इस गांव के दो समुदायों ने पेश की मिसाल, उतार दिए लाउडस्पीकर
जहां धर्मस्थल पर लाउडस्पीकर लगाने और बजाने के कारण संप्रदायिक माहौल बिगड़ने के हालात पैदा हो जाते हैं, वहीं जिले के भगतपुर थाना क्षेत्र के ठिरिया दान गांव के लोगों ने एकता की मिसाल पेश की। गांव के दोनों समुदाय के लोगों ने मस्जिद और मंदिर दोनों से आपसी सहमति से लाउडस्पीकर उतार कर भाईचारे का परिचय दिया है। दोनों समुदाय के लोगों ने साथ ही यह भी निर्णय लिया कि आने वाले समय में किसी भी धार्मिक कार्य में लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
ये गांव अक्सर दो समुदायों के बीच विवाद में घिरा रहता था, लेकिन आपसी सहमती और हंसी खुशी से लिया गया ये फैसला निसंदेह काबिले तारीफ है। समुदाय के दोनों पक्षों ने हुए आपसी समझौते को बाकायदा लिख कर उसे थाने में भी दे दिया है। फिलहाल गांव वालों ने ये फैसला करके एक मिसाल कायम कर दी है ताकि आपस में कोई विवाद न हो और भाईचारा बना रहे।
गांव के रहने वाले हेमंत शर्मा का कहना है, “हमारे मंदिर पर दो लाउडस्पीकर थे, जबकि मस्जिद पर सात लगे हुए थे। हमने कहा था कि मस्जिद पर दो लगा लो हम भी दो ही लगाए रखेंगे।
लेकिन वो लोग नहीं माने। फिर पंचायत बैठी और दोनों तरफ से तय हुआ कि दोनों धर्मस्थल से लाउडस्पीकर उतार लिए जाएं। आपस में सहमति बन गई और हमने अपना लाउडस्पीकर उतार लिया।”
वहीं जाकिर अहमद ने बताया, “हमें पता चला था शिकायत की गई है कि मस्जिद में लाउडस्पीकर ज्यादा लगे हुए हैं। दूसरे पक्ष ने कहा कि आपके यहां लाउडस्पीकर अधिक लगे हुए हैं उसे कम कीजिए तो हमने उनसे कहा कि हम तो मस्जिद से सभी लाउड स्पीकर उतार लेंगे, हमें कोई परेशानी नहीं है।
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फिर गांव में बैठक हुई, जिसमें सहमति बनी कि दोनों समुदाय के लोग अपने-अपने धर्मस्थल से लाउडस्पीकर उतार लेंगे। साथ ही कोई भी धार्मिक आयोजन बिना लाउडस्पीकर के ही संपन्न किया जाएगा।”
क्षेत्राधिकारी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया, “इस पवित्र माह में इस गांव के दोनों समुदायों के लोगों ने आगे किसी भी विवाद से बचने और भाईचारा बनाए रखने के लिए आपसी सहमति से जो कदम उठाया है, निसंदेह वह तारीफ के काबिल है। इस फैसले से मुरादाबाद के भाईचारे का संदेश लोगों के बीच जाएगा।”
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