बिजली कटौती पर सीएम योगी सख्त, ऊर्जा मंत्री और अफसरों को किया तलब…

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उत्तर प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई है. उन्होंने इस मामले को लेकर ऊर्जा मंत्री, विद्युत निगम के चेयरमैन और अधिकारियों को तलब किया. और सख्त निर्देश दिया कि बिजली सप्लाई पर फीडर वाइज जवाबदेही तय हो. जरूरत पड़े तो अतिरिक्त बिजली की सप्लाई की जाए. यूपी में बिजली व्यवस्था को लेकर शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा एवं उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष एम देवराज को तलब कर नाराजगी जताई. योगी ने लड़खड़ाई आपूर्ति व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त कर हर एक गांव से लेकर शहर तक को रोस्टर के मुताबिक पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की हिदायत दी।

जिला मुख्यालयों में 24 घंटे बिजली का आदेश… 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बिजली व्यवस्था को लेकर जो निति घोषित की है. उसे पूरी तरह लागू किया जाए. सरकार की बिजली निती के मुताबिक जिला मुख्यालय को 22 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रो में 18 घटें बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. सीएम ने बिजली विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि हर एक फॉल्ट को अटेंड करें।

ट्रांसफार्मर खराब हो तो तत्काल बदलें…

सीएम ने कहा कि गांव हो या शहर, ट्रांसफार्मर खराब हो तो तत्काल बदलें. उन्होंने निर्देश दिया. कि हर दिन हर एक जिले की समीक्षा हो. और रोस्टर का कड़ाई से पालन हो. हर जिले में कंट्रोल रूम बनाएं और डीएम खुद मॉनीटरिंग करें. भीषण गर्मी के बीच हर गांव-हर शहर को पर्याप्त और निर्बाध बिजली की सप्लाई की जाए.

बिजली व्यवस्था व कामों की समीक्षा बैठक…

उन्होंने विद्युत कार्मिकों की ओर से उपभोक्ताओं से अच्छा व्यवहार न करने तथा बिजली व्यवस्था सुधार के लिए कार्य संस्कृति में बदलाव न लाने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है. शक्तिभवन में बिजली व्यवस्था व कामों की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि पूरा शक्तिभवन विद्युत कार्यों को लेकर सचेत नहीं है. यहां पर अधिकारियों के बैठने का कोई लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है. ये सब मिलकर ऊर्जा विभाग की बदनामी करा रहे हैं. बिजली विभाग के कार्मिकों की लापरवाही से व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है।

ऐसी कार्य संस्कृति स्वीकार्य नहीं होगी…

उन्होंने निदेशक तकनीकी कमलेश बहादुर सिंह के काम व निदेशक व्यावसायिक अमित श्रीवास्तव के राजस्व संग्रह को लेकर नाराजगी व्यक्त की. इन्हें जल्द ही अपने काम में सुधार की चेतावनी भी दी. सुधार न होने पर दोनों अधिकारियों से काम की जिम्मेदारी हटाने का भी निर्देश दिया. उन्होंने सभी अधिकारियों को फील्ड में जाने और अनुरक्षण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने को कहा. हर डिस्काम व एक-एक उपकेंद्र व फीडर के काम की निगरानी करने को भी कहा. मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के हो रहे उत्पीड़न के प्रति शक्तिभवन में बैठे उच्च अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं. ऐसी कार्य संस्कृति स्वीकार्य नहीं होगी।

 

बिजली का संयमपूर्ण उपयोग प्रार्थनीय है…

बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ट्वीट कर सफाई दी है. उन्होंने कहा पिछले साल जून महीने की बिजली की मांग 26369 MW के मुकाबले इस साल जून में 27610 MW की खपत चल रही है. यह मांग अप्रत्याशित है; ऐतिहासिक रूप से ज्यादा है. पिछले कई वर्षों की अधिकतम मांग से भी ज्यादा इस समय की चल रही न्यूनतम मांग है -18701 MW. ऐसे में सभी विद्युत कर्मियों से अनुरोध है. कि जनता को निर्बाध बिजली देने के लिए तत्परता से सेवा में लगे रहें. सबका सहयोग एवं बिजली का संयमपूर्ण उपयोग प्रार्थनीय है।

बिजली कटौती की शिकायतों पर गंभीरता…

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि निर्धारित शेड्यूल के अनुरूप सभी क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. बेवजह शटडाउन और कटौती बंद की जाए. उन्होंने वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बुन्देलखंड, बुलंदशहर व सिद्धार्थनगर से बिजली कटौती की आ रही शिकायतों को गंभीरता से लिया।

डॉक्टर के साथ दुव्यर्वहार के मामले पर नाराजगी…

उन्होंने कहा कि अनुरक्षण कार्य जहां आवश्यक हो तभी विद्युत कटौती करें, नहीं तो इस समय कटौती न की जाए. उन्होंने गाजीपुर में विजलेंस टीम की ओर से डॉक्टर के घर में घुसकर दुव्यर्वहार के मामले पर नाराजगी जताई. और अधिकारियों को अपनी कार्य संस्कृति में सुधार लाने को कहा. उन्होंने चेयरमैन को निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में तुरंत सख्त कार्यवाही की जाए. बैठक में चेयरमैन एम देवराज, प्रबंध निदेशक उत्पादन एवं पारेषण पी गुरु प्रसाद, प्रबंध निदेशक यूपीपीसीएल पंकज कुमार आदि अधिकारी उपस्थित थे।

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