पुलिस स्मृति दिवस: साइकिल की जगह बाइक भत्ता, जानें CM योगी की अन्य घोषणाएं
हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. इस दिन उन वीर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने देश व समाज की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. इसी क्रम में यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस स्मृति दिवस पर रिजर्व पुलिस लाइन में कार्यक्रम आयोजित किया गया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यक्रम में शिरकत कर शहीद पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने पुलिसकर्मियों के हित में कई घोषणाएं भी की. वहीं, डीजीपी डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान ने पुलिस कार्यप्रणाली की तारीफ की.
ड्यूटी पर शहीद हुए ये पुलिसकर्मी…
यूपी के 6 जिलों में तैनात जिन 7 पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई थी. सीएम योगी ने उनके परिजनों को सम्मानित किया.
1- प्रयागराज के सराय इनायत थाने में तैनात मुख्य आरक्षी मुनील कुमार चौबे को सहसों चौराहे पर ड्यूटी के दौरान 17 जनवरी, 2021 को पिकप की टक्कर से मौत.
2- गाजियाबाद के छिजारसी यूटर्न पर ड्यूटी जा रहे बुलेट सवार ललित कुमार को 27 जनवरी, 2021 को शास्त्रीनगर कट पर टक्कर लगने से हुई मौत.
3- गौतमबुद्ध नगर में तैनात यातायात आरक्षी सर्वेश कुमार को कंटेनर डिपो पर ड्यूटी जाते समय 10 मार्च, 2021 को अनियंत्रित ट्रक की टक्कर से मौत.
4- फतेहपुर के सुल्तानपुर घोष में तैनात एसआई वीरेंद्र नाथ मिश्र की 31 मार्च, 2021 को वाहन चेकिंग के दौरान मौत.
5- गौतमबुद्ध नगर के दादरी थाने में तैनात एसआई कादिर खां की 17 जुलाई, 2021 को एक हत्यारोपी की तलाश में जा रहे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर हादसे में मौत.
6- बागपत में तैनात आरक्षी मनीष कुमार को 14 अक्टूबर, 2021 को रोडवेज बस की टक्कर से मौत.
7- मुजफ्फरनगर के नई मंडी थाने में तैनात सिपाही सुमित कुमार 28 दिसंबर, 2021 को अपराधियों की तलाश में हरियाणा करनाल टीम के साथ गये थे. अपराधियों का पीछा करते हुए कार के पेड़ से टकरा ने हुई मौत.
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पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को सीएम योगी ने संबोधित किया. उन्होंने पिछले एक साल में शहीद हुए 7 पुलिसकर्मियों के परिजनों को सम्मानित करते हुए कहा कि पुलिस और सरकार उनके साथ है. यूपी पुलिस की सक्रियता के चलते गुंडा और माफिया राज का अंत हो गया. पुलिसकर्मियों को मिलने वाला साइकिल भत्ता अब बाइक भत्ता के तौर पर दिया जाएगा. जिसमें 200 रुपये की जगह 500 रुपये की राशि तय की गई है. साथ ही पेंशन के लिए लोगों को दौड़भाग नहीं करनी करनी होगी, जिसे ई-पोर्टल पर लिंक किया जा रहा है. मेडीक्लेम के 5 लाख तक के बिल को डीजीपी को पास करने का अधिकार दिया गया है.
कोरोना काल में ड्यूटी पर तैनात सैकड़ों पुलिसकर्मी संक्रमित हो गये थे और 45 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई थी. जिनके परिजनों को नियमानुसार नौकरी व 22.50 करोड़ रुपये की सहायत राशि का भुगतान किया गया. केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, भारतीय सेना में सेवारत प्रदेश के मूल शहीद 581 जवानों के आश्रितों को 141.9 करोड़ की सहायता राशि दी गई.
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने कठोर कार्रवाई की. अब तक 44 अरब 59 करोड़ की संपत्ति जब्त अथवा ध्वस्त की गई है. 30 मार्च, 2017 से 13 अक्टूबर, 2022 तक प्रदेश भर 166 दुर्दांत अपराधी मारे गए, जबकि 4,453 घायल हुए. 58,648 पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई. वहीं 807 पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई. 50 कुख्यात माफियाओं और उनके सदस्यों की लगभग 2,268 करोड़ की संपत्ति जब्त अथवा ध्वस्त की गई. इसमें 1 माफिया व उसके 08 साथी मुठभेड़ में मारे भी गए. 39 को आजीवन कारावास की सजा हुआ है. प्रभावी अभियोजन करते हुए 2 को फांसी की सजा दिलाई गई. इसी दौरान 13 जवान शहीद भी हुए.
…अपने कर्तव्य को सर्वोपरि मानकर उत्तर प्रदेश पुलिस बल के जवान निरंतर सेवा में लगे रहे… pic.twitter.com/VzEpCYftwT
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 21, 2022
डीजीपी चौहान ने कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली में लगातार बदलाव हो रहा है. जिससे अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगा है. पिछले 5 वर्षों में डीएनए में बदलाव आया है. पुलिस की सक्रियता के चलते प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई है. प्रदेश सरकार ने पुलिस ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले पुलिस कर्मी को 25 लाख की जगह 50 लाख अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. वहीं, कोमा में जाने पर असाधारण पेंशन देने का निर्णय लिया है.
21 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस…
21 अक्टूबर, 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख के हिमाच्छादित जनहीन क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवान नियमित गश्त पर निकले थे. जिन पर रायफलों और मोर्टारों से लैस चीनी सैनिकों ने छलपूर्वक एम्बुश लगाकर अचानक हमला कर दिया. चीनी सैनिकों से मुकाबला करने के दौरान सभी बहादुर जवान शहीद हो गए थे. इन्हीं वीर जवानों के बलिदान को याद करते हुए कर्तव्यपथ पर प्राणोत्सर्ग करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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