जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक्शन में CM Yogi, स्वास्थ्य विभाग से मांगी रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बाद अब एक और बीमारी का कहर टूट पड़ा है।

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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बाद अब एक और बीमारी का कहर टूट पड़ा है। खतरनाक जीका वायरस का प्रकोप अब देश में सबसे ज्यादा कानपुर में ही दिख रहा है। अब तक जीका वायरस से संक्रमित 105 रोगी कानपुर में और एक रोगी कन्नौज में मिला है। दरअसल, इस वायरस का संक्रमण दूसरे शहरों में न फैले इसके लिए किये गए उपायों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज कानपुर पहुंचकर अधिकारियों से जानकारी लिए।

सीएम योगी ने अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट:

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वयं मौके पर अधिकारियों से बचाव के लिए किये गये उपायों का जायजा लने पहुंचे।सीएम योगी स्वास्थ्य विभाग के मंत्री जय प्रताप सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना भी समीक्षा बैठक में मौजूद रहे। वही जीका वायरस के बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट मांगी है।

लक्षण:

जीका वायरस एक मच्छर जनित बीमारी है, जो एडीज मच्छर से फैलती है।  इसकी पहचान साल 1947 में  युगांडा के जीका जंगल में पहली बार हुई। जीका जंगल के नाम पर ही वायरस का नाम रखा गया। जीका वायरस मच्छर के जरिए फैलता है।  जीका वायरस के लक्षण बुखार आना, शरीर पर निशान पड़ना और जोड़ों में दर्द है।यह डेंगू से ज्यादा घातक है।

बचाव:

जीका वायरस से डरने की नहीं, सावधान रहने की जरूरत है।  मच्छरों को घर में न पनपने दें।  सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल जरुर करें।  बाहर का और पैकिंग वाला खाना खाने से परहेज करें।  जीका वायरस से प्रभावित इलाके में यात्रा के बाद बुखार हो तो डॉक्टर से मिलें। डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी परेशानी है तो डॉक्टर से सलाह लें।

जीका वायरस का प्रकोप:

बता दें भारत में सबसे पहले 2017 में गुजरात में 3 और 2018 में 1 मामला सामने आया था।  साल 2017 में ही तमिलनाडु में 1 मामला सामने आया था।  मध्य प्रदेश में साल 2018 में 130 लोग संक्रमित पाए गए।  इसी साल 2018 में ही राजस्थान में जीका वायरस के 159 मामले सामने आए।  2021 में केरल में जीका वायरस के 64 मामले सामने आए थे।  अब कानपुर और कन्नौज के मिलाकर यूपी में 80 मामले हो चुके हैं।

 

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