नफरत की आग में जले पाकिस्तान के चर्च, ‘धार्मिक हिंसा अभिव्यक्ति नहीं’
Pakistan Church Attack: देश के अल्पसंख्यक के साथ हिंसा पाकिस्तान में हमेशा से ही रहा है, वो बात अलग पहले हिन्दु थे इस बार ईसाइ धर्म के लोग है । हिंसा के लिए कौम को तो बदल सकते है लेकिन अपने भीतर की प्रवृति को पाकिस्तान न जाने कब बदलेगा । धार्मिक हिंसा की आग में पाकिस्तान एक बार फिर जल रहा है, बीते बुधवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इस्लाम की पुस्तकें जलाए जाने की अफवाह के बाद गुस्साए लोगों ने तकरीबन आठ से ज्यादा चर्चों में घुसकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी, यही गुस्साई भीड़ नें आसपास के घरों को भी आग के हवाले कर दिया है।
इस धार्मिक हिंसा के बाद के इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है, साथ ही प्रशासन की तरफ से अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की इलाके में तैनाती की गयी है। पाक में हुई धार्मिक हिंसा पर अमेरिका ने चिंता जताई है और पाकिस्तान सरकार से इस मामले की सख्ती से जांच करने की मांग की है।
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क्या पूरा मामला ?
दरअसल, बुधवार को पाकिस्तान के फैजलाबाद शहर के जरानवाला इलाके में हिंसा की घटना सामने आयी है । इस हिंसा की वजह कथित तौर पर कुरान के साथ की गयी बेअदबी की अफवाह बताई जा रही है, जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने चर्च में घुसकर तोड़फोड़ करने के साथ ही अगजनी की घटना को अंजाम दिया गया। इतना ही नहीं गुस्साई भीड़ ने चर्च के आसपास के घरों को भी आग के हवाले करने के साथ लोगों के साथ मारपीटी की गयी, ऐसे पुलिस प्रशासन मात्र तमाशबीन बना देखता रहा है। इसके काफी देर बाद हालत को ज्यादा बिगड़ता देख ईसाई समुदाय की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान रेंजर्स को बुलाया गया है।
‘हिंसा अभिव्यक्ति का रूप नहीं’- वेदांत पटेल
पाकिस्तान में हुई धार्मिक हिंसा पर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही अमेरिका के प्रिंसिपल डिप्टी स्पोकपर्सन वेदांत पटेल इस मामले पर बोलते हुए कहा है कि, ‘हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि पाकिस्तान में कुरान के अपमान के आरोप में चर्चों और घरों को निशाना बनाया गया. हम अभिव्यक्ति की शांतिपूर्ण स्वतंत्रता और सभी के लिए धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार का समर्थन करते हैं. जैसा कि हमने पहले कहा है कि हम हमेशा धार्मिक रूप से प्रेरित हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंतित रहते हैं. हिंसा या हिंसा की धमकी कभी भी अभिव्यक्ति का स्वीकार्य रूप नहीं है. हम पाकिस्तानी अधिकारियों से इन आरोपों की पूरी जांच करने का आग्रह करते हैं और इसमें शामिल सभी लोगों के लिए शांति का आह्वान करते हैं’
हिंसक भीड़ ने कुरान के अपमान का दिया हवाला
चर्च में तोड़ – फोड़ करती हिंसक भीड़ ने इस हिंसा की वजह की वजह बताते हुए ईसाइ धर्म के लोगो पर आरोप लगाया कि, चर्च इस्लाम विरोधी बातें करते हैं, इसके साथ ही ये आरोप भी लगाया कि, ईसाइ धर्म के लोगो ने कुरान का अपमान किया गया है। बाद में इस्लाम के साथ बेअदबी का आरोप लगाते हुए भीड़ ने पेट्रोल बम और पत्थर मार-मारकर पांच चर्च को तबाह कर दिया। वहीं, भीड़ इतने पर ही नहीं रुकी।
हमला करने वाले लोगों ने वहां रहने वाले ईसाई लोगों के घरों में भी पेट्रोल बम फेंके, उनके साथ लूटपाट की और घरों में तोड़फोड़ को अंजाम दिया गया। इस दौरान हिंसा का विरोध करने वाले इंसान के साथ लाठी, डंडे, लात-घूंसे से मारपीट की गयी है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । इतना ही नहीं इस हिंसा में कई लोगो के मारे जाने और जिंदा जलाए जाने की बात भी कही जा रही है, हालांकि, इस बात की फिलहाल अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है,इस मामले की पडताल में पुलिस जुट गयी है ।
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भाई और बहन के खिलाफ मुकदमा हुआ दर्ज
मामले की जांच कर रहे जरनवाला सिटी पुलिस स्टेशन के अधिकारी आसिफ अली ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘मुहम्मद अफजल और चमरा मंडी के चार अन्य मुसलमानों ने राजा अमीर मसीह और उनकी बहन राकी मसीह पर कुरान का अपमान करने और पैगंबर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने भाई और बहन दोनों के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी और 295-बी के तहत मामला भी दर्ज किया और उनकी गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस टीम गठित की है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने आरोपी के घर को सुरक्षित कर लिया है। अधिकारियों ने कहा कि राजा अमीर मसीह सहित पूरा परिवार फरार है। और चर्चों में तोड़फोड़ के लिए अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।’