डेटा लीक: क्रिस्टोफर वाइली ने किया खुलासा, इन पार्टियों के लिए किया है काम…
कैम्ब्रिज एनालिटिका (CA) डेटा लीक मामले में भारत में मचे राजनीतिक भूचाल के बीच विसलब्लोअर क्रिस्टोफर वाइली ने एजेंसी द्वारा भारत में किए गए चुनाव कार्यों का ब्योरा सार्वजनिक कर दिया है। वाइली ने ट्वीट कर जो जानकारी साझा की है, उससे साफ पता चलता है कि SCL इंडिया ने भारत में बड़े पैमाने पर जाति गणना समेत चुनावी विश्लेषण का काम किया है। ये काम उसे देश के कई राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए थे। ट्वीट में 2010 के बिहार चुनाव में जेडीयू द्वारा इस कंपनी के इस्तेमाल की बात साफ तौर पर कही गई है। बता दें कि वाइली ने मंगलवार को ब्रिटिश संसद में दिए अपने बयान में दावा किया था कि एनालिटिका का भारत में भी ऑफिस था और इसने यहां काफी काम किया था।
I've been getting a lot of requests from Indian journalists, so here are some of SCL's past projects in India. To the most frequently asked question – yes SCL/CA works in India and has offices there. This is what modern colonialism looks like. pic.twitter.com/v8tOmcmy3z
— Christopher Wylie 🏳️🌈 (@chrisinsilico) March 28, 2018
600 जिले और 7 लाख गांवों का है डेटा
कैम्ब्रिज एनालिटिका एक सरकारी और सैन्य ठेकेदार SCL ग्रुप का हिस्सा है। ग्रुप के पास भारत के 600 जिलों और 7 लाख गांवों का डेटा है, जो लगातार अपडेट होता है। वाइली ने जो ब्योरा दिया है उसमें बताया गया है कि इस माइक्रो लेवल सूचना के जरिए जातिगत डेटा से लेकर घर-घर की जानकारी है।
SCL इंडिया ऐसे करती थी काम
SCL इंडिया की सेवा के जरिए उसके क्लायंट अपने टारगेट ग्रुप का चुनाव करते थे और अपने मतलब की बातों के जरिए वे इच्छित परिणाम हासिल करते थे। कंपनी अपने क्लायंट को रिसर्च के जरिए सही कम्यूनिकेशन चैनल का इस्तेमाल कर मजबूत डेटा मुहैया कराती थी
वाइली ने ब्रिटिश संसद में कांग्रेस का भी लिया था नाम
कैम्ब्रिज एनालिटिका के पूर्व कर्मचारी वाइली ने मंगलवार को ब्रिटिश संसद में कहा था, ‘कंपनी भारत में बड़े पैमाने पर काम करती थी और शायद इसकी क्लायंट कांग्रेस पार्टी भी थी। उसने कहा कि भारत में कंपनी का एक दफ्तर भी था।’ 28 वर्षीय वाइली ने ब्रिटिश संसद में दिए अपने बयान में दावा किया, ‘मैं मानता हूं कि कांग्रेस कंपनी की क्लायंट थी, लेकिन मुझे पता है कि वे सभी प्रकार के प्रॉजेक्ट लेते थे। मुझे कोई नैशनल प्रॉजेक्ट याद नहीं है, लेकिन मुझे क्षेत्रीय प्रॉजेक्ट याद हैं। भारत इतना बड़ा देश है कि वहां का एक राज्य भी ब्रिटेन से बड़ा है।’
2012 में एक राष्ट्रीय पार्टी के लिए किया प्रॉजेक्ट
2012 में SCL इंडिया ने एक राष्ट्रीय पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश में जाति आधारित गणना की थी। इसके पीछे का कारण राज्य में जाति की संरचना को जानना था। इस आधार पर पार्टी के कोर वोटर और स्विंग वोटर की जानकारी हासिल करना था।
2011 में भी फिर उत्तर प्रदेश में जनगणना
SCL इंडिया ने 2011 में उत्तर प्रदेश में पूरे राज्य में एक रिसर्च अभियान चलाया था। इसके जरिए घर-घर जाकर लोगों की जाति जानने की कोशिश की गई थी। आगे और रिसर्च करके स्विंग वोटरों की जानकारी हासिल करना इसका मकसद था।
2009 के आम चुनाव में किया था कार्य
2009 के आम चुनाव में SCL इंडिया ने कई लोकसभा उम्मीदवारों के लिए काम किया था। कंपनी की टीम के कर्मचारी डेटा कलेक्शन कर उम्मीदवारों के चुनाव अभियान के लिए रणनीति बनाते थे।
2010 बिहार विधानसभा चुनाव
SCL इंडिया को बिहार विधानसभा चुनावों के लिए जेडीयू की तरफ वोटरों के बारे में रिसर्च करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
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2007 उत्तर प्रदेश चुनाव
2007 में उत्तर प्रदेश चुनाव में SCL इंडिया ने एक बड़े राजनीतिक दल की तरफ से पूरा राजनीतिक सर्वे किया था।
2007 में केरल, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में स्पेशल अभियान
SCL इंडिया को ट्रांस नैशनल प्रोग्राम के सपॉर्ट के लिए एक रिसर्च कम्यूनिकेशन अभियान चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस अभियान के जरिए नॉन डिजायर विहेबियर से जिहाद को सपॉर्ट करने वाले लोगों को काउंटर किया जाना था। इस अभियान के जरिए इन छह राज्यों की आबादी का नजरिया समझना था।
2003 में मध्य प्रदेश चुनाव
SCL इंडिया ने एक राष्ट्रीय पार्टी के लिए स्विंग वोटरों के बारे में चुनावी विश्लेषण किया था।
2003 राजस्थान चुनाव
राज्य की एक बड़ी पार्टी ने SCL इंडिया को दो टुकड़ों में काम दिया था। पहला था पार्टी के संगठनात्मक मजबूती को आंकना और दूसरा वोट देने वाली आबादी का वोटिंग पैटर्न के बारे में जानकारी देना।
अन्य प्रॉजेक्ट
इसके अलावा दिल्ली और छत्तीसगढ़ में चुनावी विश्लेषण की जिम्मेदारी भी SCL इंडिया ने उठाई थी।
नवभारत टाइम्स