यूपी सीएम का प्रदेशवासियों को उपहार, वाराणसी को बनाएंगे सोलर सिटी
योगी आदित्यनाथ ने 70 मेगावाट के अवाडा सोलर पावर प्रोजेक्ट का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के दौरान वाराणसी के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया है. जिसमें सूर्य घर योजना के अंतर्गत प्रदेश के 25 लाख घरों पर सोलर पैनल स्थापित होने हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बांदा में स्थापित 70 मेगावाट के अवाडा सोलर पावर प्रोजेक्ट का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के दौरान वाराणसी के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया है. जिसमें सूर्य घर योजना के अंतर्गत प्रदेश के 25 लाख घरों पर सोलर पैनल स्थापित होने हैं.
वाराणसी समेत इन शहरों को सोलर सिटी बनाने का लक्ष्य
सीएम ने सौगात देते हुए कहा कि अयोध्या, प्रयगराज, वाराणसी और गोरखपुर को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश अब देश में रिन्यूएबल एनर्जी का बड़ा केंद्र बन सकता है. बुंदेलखंड और विंध्य में सौर ऊर्जा के उत्पादन की सबसे अधिक संभावनाएं हैं.
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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस प्लांट का उद्घाटन उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेश सम्मेलन के दौरान प्राप्त हुए निवेश प्रस्ताव के धरातल पर उतरने के एक नए अध्याय की शुरुआत है. इसके माध्यम से चार सौ से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जाएगा.
पीएम मोदी की सूर्य घर योजना
इस दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी सूर्य घर योजना के अंतर्गत उत्तरप्रदेश के अंदर 25 लाख घरों पर सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे. इस योजना के तहत अब तक 18 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार करीब 22 हजार मेगावॉट के ग्रीन एनर्जी के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है. इसके लिए 23 हजार एकड़ लैंड बैंक प्रदेश के यूपीनेडा ने चिन्हित कर लिया है.
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इसमें सरका र सौर एवं जैव ऊर्जा नीति 2022 और ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024 के क्रम इस अभियान को आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की तरह ही अवाडा ग्रुप को दूसरे क्षेत्र में भी प्लांट की संभावनाएं तलाशनी चाहिए.
सौर ऊर्जा नीति-2022 और ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024
बता दें उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 से आशय मुख्य रूप से प्रदेश के सभी लोगों को कम लागत में विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने से है. जिसके द्वारा जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करने पर ध्यान दिया जा सके. इसके तहत नीति-2022 का लक्ष्य 2026-27 तक 22000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं को हासिल करना है. वही, सरकार द्वारा तैयार की गई ” उ०प्र० ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024 ” के द्वारा राज्य में विकास और रोजगार को बढ़ावा देना है. इसके साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन रहित एवं जलवायु परिर्वतन करके ग्रीन हाइड्रोजन / अमोनिया उत्पादन, बाजार निर्माण और मांग एकत्रीकरण को बढ़ावा देना है.