सीएम व मंत्रियों के आवास का हुआ घेराव …

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रदेश में एक जनजाति पार्टी द्वारा बीते एक सप्ताह से अधिक समय से सड़क व रेल नाकेबंदी को हटाने की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री माणिक सरकार तथा अन्य मंत्रियों के आवास का घेराव (surrounded)किया। जनजाति पार्टी ने त्रिपुरा से अलग राज्य की मांग को लेकर नाकेबंदी कर रखी है। पुलिस ने कहा कि भाजपा के लगभग 1,500 सदस्यों ने सरकार तथा चार मंत्रियों के आवास के बाहर छह विभिन्न जगहों पर बैरिकेड लगाए।

जिन मंत्रियों के आवासों का घेराव किया गया, उनमें स्वास्थ्य मंत्री बादल चौधरी, जनजाति कल्याण मंत्री अघोर देबबर्मा, कारा मंत्री महिंद्रा रेयांग तथा शिक्षा मंत्री तपन चक्रवर्ती शामिल हैं।

सरकार तथा उनके मंत्रिमंडल के सदस्य मंगलवार सुबह से ही अपने आधिकारिक कार्यालय से बाहर नहीं निकल पाए हैं।

शीर्ष पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक बड़ी टुकड़ी, त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) तथा राज्य पुलिस बैरिकेड वाले जगहों तथा उसके आसपास तैनात हैं।

माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है।

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सिविल सेक्रेटेरियट में पूर्वाह्न 11 बजे मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली थी, लेकिन नहीं हो सकी।

मुख्यमंत्री के सचिवालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “बैठक नहीं हो सकी, क्योंकि मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्री कैपिटल कॉम्प्लेक्स स्थित ‘महाकरन’ के कार्यालय पहुंचने में सक्षम नहीं थे।”

भाजपा नेता सुनील देवधर ने आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) द्वारा अनिश्चितकालीन सड़क व रेल नाकेबंदी को हटाने की मांग को लेकर सोमवार शाम यह आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी, जिसमें मुख्यमंत्री का घेराव भी शामिल था।

भाजपा महासचिव प्रतिमा भौमिक ने सरकार के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, “हमने अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया है, क्योंकि वाम मोर्चे की सरकार नाकेबंदी के मुद्दे से निपटने में नाकाम रही है।”

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