NASA के पूर्व एस्ट्रोनॉट ने चंद्रयान-2 को बताया ख़ास, बोले, लैंडिंग पर पूरी दुनिया की नजर

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भारत के अतिमहत्वाकांक्षी चंद्रयान -2 मिशन की लैंडिंग सात सितम्बर को होनी है। रविवार को नासा के पूर्व एस्ट्रोनॉट डोनाल्ड ए थॉमस ने कहा कि, चंद्रयान-2 जब चंद्रमा पर लैंड करेगा। तब अमेरिकी स्पेस एजेंसी समेत पूरी दुनिया की नजर उस पर होगी। गौरतलब है कि, चंद्रयान-2 पहला यान होगा जो चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरेगा। ज्ञात हो कि, नासा की पांच साल के बाद यहां अपने एस्ट्रोनॉट उतारने की योजना है।

22 जुलाई को रवाना हुआ था चंद्रयान-2:

चंद्रयान-2 पहला भारतीय यान है, जो चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग करेगा। इसकी सफलता के बाद भारत दुनिया में चंद्रमा पर लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन लैंड कर चुके हैं। पृथ्वी की कक्षा में 23 दिनों तक चक्कर लगाने के बाद 14 अगस्त को चंद्रयान-2 चांद पर लैंडिंग के लिए रवाना हुई थी। 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया गया था।

चांद पर रहना मुश्किल:

प्राप्त जानकारी के अनुसार, थॉमस कोयंबटूर के पार्क कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि, हम इससे पहले चंद्रमा के भूमध्य रेखा के पास उतर चुके हैं, लेकिन दक्षिण ध्रुव पर कभी नहीं गए। दक्षिण ध्रुव हमारे लिए बेहद खास है। क्योंकि हमें यहां बर्फ मिलने की उम्मीद है। अगर हमें यहां बर्फ मिलती है तो हम पानी और उससे ऑक्सीजन और हाइड्रोजन प्राप्त कर सकते हैं।

चांद की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि, चांद पर रहना बेहद मुश्किल है। वहां भारी मात्रा में रेडिएशन है। दिन के समय वहां का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच जाता है। वहीं, रात के समय तापमान 100 डिग्री सेल्सियस के नीचे होता है।

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