चांद पर उतरेगा विक्रम लैंडर, 7 सितंबर होगा सबसे चुनौतीपूर्ण
भारत का अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-2 लगातार सफलता की नई सीढ़ियां चढ़ रहा है। चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम आज आर्बिटर से अलग हो जायेगा।
इस प्रक्रिया का संभावित समय बारह बजकर पैंतालिस मिनट से एक बजकर पैंतालिस मिनट है। लैंडर का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉक्टर विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।
इससे पहले कल शाम चंद्रयान-2 को उसके आर्बिटर ने चंद्रमा के नजदीक पांचवीं और अंतिम कक्षा में सफलता पूर्वक पहुंचा दिया। इसरो के मुताबिक इस प्रक्रिया में 52 सेकंड का वक्त लगा।
सात सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा लैंडर विक्रम-
आर्बिटर अगले करीब एक साल तक चंद्रमा का चक्कर लगाता रहेगा। इस दौरान वह चंद्रमा के धरातल की तस्वीरें लेगा और चंद्रमा के बाहरी वातावरण की जानकारी जुटाएगा।
बता दें कि रविवार शाम चंद्रयान-2 को उसके आर्बिटर ने चंद्रमा की पांचवीं और आखिरी कक्षा में सफलता पूर्वक पहुंचाया।
इसी के साथ यह उम्मीद की जा रही है कि सात सितंबर को चांद की सतह पर लैंडर विक्रम उतरेगा।
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