चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। चाणक्य के अनुसार कोई भी रिश्ता तभी बिगड़ता है जब उसमें विवाद आ जाता है। चाणक्य के अनुसार किसी भी प्रकार का विवाद व्यक्ति को सिर्फ नुकसान ही पहुंचाता है।
ऐसे में समझदार व्यक्ति वही है जो विवादों से बचकर रहे। ऐसा ही रिश्ता होता है पति और पत्नी का। इस रिश्ते में कई तरह के उतार चढ़ाव आते है जिसके कारण विवाद और बहसों की अधिकता होने लगती है।
ये स्थिति सुखद दांपत्य जीवन के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। इससे रिश्ते में दरार आने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए इस स्थिति को दूर करना बहुत जरूरी हो जाता है। ऐसे में चाणक्य की इन बातों को ध्यान रख आप इस स्थिति से दूरी बना सकते है।
मौन की ताकत को पहचानो-
चाणक्य के अनुसार मौन में बहुत बड़ी शक्ति होती है। मौन एक ऐसा हथियार है जिससे बड़े से बड़े विवादों को भी होने से टाला जा सकता है। विवाद की स्थिति में जो मौन को अपना लेता है वह विवाद को आगे नहीं बढ़ने देता है।
विवाद को रोकने में मौन का बहुत बड़ा योगदान होता है। ऐसे में रिश्ते में दरार आने की संभावना का रहती है।
सम्मान में कमी न रखें-
चाणक्य के अनुसार दांपत्य जीवन में एक दूसरे के सम्मान में कभी कमी नहीं आने देनी चाहिए। सम्मान में जब कमी आती है तो विवाद की स्थिति जन्म लेनी लगती है।
पति और पत्नी का रिश्ता मजबूत होने के साथ साथ बहुत नाजुक भी है। इस रिश्ते की नींव भरोसे और सत्य पर टिकी हुई है। इस रिश्ते में इन दोनों ही चीजों कभी कम नहीं होने देना चाहिए। ये तभी संभव है जब एक दूसरे का सम्मान किया जाएगा।
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