क्या जानलेवा हो सकती है गर्भनिरोधक दवाएं ?
सही समय पर गर्भधारण करना जीतना खुशी देता है, उतना ही गलत समय पर गर्भधारण करना आप के और बच्चे दोनों के लिए गलत फैला हो सकता है। क्योकि, एक बच्चे को संसार में लाना एक बडी जिम्मेदारी का काम होता है। इसलिए बच्चे को लेकर प्लानिंग करने की सलाह दी जाती है, क्योकि बच्चे को पालने के लिए मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रुप से तैयार होना बहुत जरूरी होता है। इसी कारण है महिलाओ और पुरूषों दोनों को गर्भनिरोधक यूज करने की सलाह दी जाती है, आदमियों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला गर्भनिरोधक कंडोम है जबकि महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों पर सबसे ज्यादा निर्भर रहती हैं।
गर्भनिरोधक गोलियां दुनियाभर में प्रयोग की जाती हैं और भारत में सरकारों द्वारा लंबे समय से महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए इन्हें प्रमोट किया जाता रहा है। इन गोलियों का प्रयोग तो महिलाएं सालों से कर रही हैं, लेकिन इनसे जुड़ी बहुत सी बातें हैं जो अभी भी कम ही लोगों को पता हैं। हम आपको बताते हैं गर्भनिरोधक गोलियों से जुड़ी वो सारी बातें जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी हैं। तो आइए जाते है गर्भनिरोधक गोलियों से जुडी खास बातें ….
गर्भनिरोधक गोलियां कैसे काम करती हैं?
इसको समझने से पहले ये समझिए कि प्रेग्नेंसी के लिए महिला का शरीर किस तरह से काम करता है। महिलाओं के शरीर में दो ओवरी होती हैं। बारी-बारी से हर महीने एक ओवरी एक एग निकालती है। जब यही एग पुरुष के स्पर्म से मिलकर एक बच्चे को जन्म देता है। इस पूरे प्रोसेस में महिला के शरीर के हॉर्मोन बहुत जरूरी भूमिका निभाते हैं। गर्भनिरोधक गोलियां इन्हीं हॉर्मोन्स में बदलाव करती हैं और एग और स्पर्म के मिलने को रोकती हैं। इस तरह से ये प्रेग्नेंसी रोकने में भी मदद करती हैं।
ये गोलियां मुख्य रूप से 2 तरह की होती हैं। ‘कंबाइंड ओरल पिल्स’ और ‘प्रोजेस्टिन-ओनली पिल्स’। महिलाओं में 2 मुख्य हॉर्मोन प्रेग्नेंसी के लिए जिम्मेदार होते हैं। कंबाइंड ओरल पिल्स में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन दोनों हॉर्मोन होते हैं। वहीं प्रोजेस्ट्रोन ओनली पिल्स में, जैसा कि नाम से ही साफ है, सिर्फ प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन होता है। प्रोजेस्ट्रोन ओनली पिल्स को ‘मिनी पिल्स’ भी कहा जाता है।
कब से शुरू करनी चाहिए गर्भनिरोधक दवाएं?
बाकि की बीमारी की तरह ही इन गोलियों के सेवन के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर ले, गोली लेने की शुरूआत करने के बाद निरंतर इन गोलियों का सेवन करें और निर्धारित समय पर ही गोलियां खाएं। सेवन का समय तय कर लें और दिन में किसी भी समय एक गोली का सेवन करें।
ये गोलियां कितने दिनों में असर करना शुरू करती हैं?
बहुत सी महिलाओं को ये जिज्ञासा रहती है कि गोलियां लेना शुरू करने के कितने दिनों बाद ये गोलियां काम करना शुरू करती हैं। डॉक्टरों का मानना है कि लेना शुरू करने के पहले महीने में ही ये गोलियां असर करती हैं। इसीलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि पहले महीने इन गोलियों के साथ ही अन्य कोई तरीका जैसे कंडोम भी जरूर इस्तेमाल करें। पहले महीने के बाद आप पूरी तरह से इन पिल्स पर निर्भर रह सकती हैं।
गर्भनिरोधक दवाओं के नकारात्मक प्रभाव
मिचली आना
वजन बढ़ना
ब्रेस्ट में सूजन आना
दो पीरियड्स के बीच में खून के थक्के आना
मूड खराब रहना
अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर की सलाह से ही इन गोलियों को बंद या शुरू करें।
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इन महिलाओं को नहीं लेनी चाहिए गर्भनिरोधक दवाएं
हाथ, पैर या फेफड़ों में खून के थक्के
दिल या लीवर की कोई बीमारी
ब्रेस्ट या गर्भाशय का कैंसर
हाई ब्लड प्रेशर
माइग्रेन