CAA-14 आवेदकों को मिला नागरिकता प्रमाणपत्र
नई दिल्ली: नागरिकता संसोधन कानून ( CAA ) 2024 की अधिसूचना के बाद नागरिकता प्रमाणपत्रों का पहला सेट आज जारी कर दिया है. केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने आज 14 आवेदकों को आज नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपा. गृह सचिव ने सभी आवेदकों को बधाई दी और CAA पर प्रकाश डाला…
क्या है CAA …
बता दें कि CAA को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से 11 मार्च 2019 को अधिसूचना जारी की गई थी. जिसके तहत भारतीय नागरिकता पाने के इच्छुक लोगों को आवेदन करने की तारीख से पहले देश में कम से कम 12 महीने तक रहना अनिवार्य बताया गया था. इसके बाद ही वे आवेदन करने के लिए पात्र होंगे. नियमों में कहा गया है कि इन 12 महीनों से ठीक पहले के आठ वर्षों के दौरान भी आवेदकों द्वारा देश में कम से कम छह साल बिताया गया हो, तभी उन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए पात्र माना जाएगा.
2014 से पहले आए गैर मुस्लिमों को नागरिकता…
CAA को 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार दिसंबर 2019 में ले कर आई. इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग शामिल हैं. कानून बनने के बाद, सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई लेकिन जिन नियमों के तहत भारत की नागरिकता दी जानी थी, उन्हें चार साल से अधिक की देरी के बाद इस साल 11 मार्च 2024 को जारी किया गया.
आवेदकों को देना होगा घोषणापत्र
कहा जा रहा है कि नियमों के अनुसार आवेदक को एक घोषणा पत्र देना होगा. जिसमे यह दिखाना होगा कि वे मौजूदा नागरिकता को ‘अपरिवर्तनीय रूप से’ त्याग रहे हैं और वे ‘भारत को स्थायी घर’ बनाना चाहते हैं. इसमें कहा गया है, आवेदक द्वारा उप-नियम (1) के तहत किए गए प्रत्येक आवेदन में इस आशय की घोषणा होगी कि उसका आवेदन स्वीकृत होने की स्थिति में उसके देश की उसकी नागरिकता अपरिवर्तनीय रूप से त्याग दी जाएगी और वह भविष्य में इस पर कोई दावा नहीं करेगा.
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देने होंगे ये दस्तावेज…
नियम में कहा गया है कि सभी स्वीकृत आवेदकों को निष्ठा की शपथ लेनी होगी कि वे भारत के एक नागरिक के रूप में कानून द्वारा स्थापित ‘भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेंगे’ और वे ‘ईमानदारी से भारत के कानूनों का पालन करेंगे‘ और अपने कर्तव्यों को ‘पूरा’ करेंगे. आवेदक को उससे संबंधित मामलों के अनुरूप अपने वैध या समाप्त हो चुके विदेशी पासपोर्ट, आवासीय परमिट, पति या पत्नी की भारतीय राष्ट्रीयता का प्रमाण – भारतीय पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र की प्रति – या विवाह रजिस्ट्रार द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र की एक प्रति पेश करनी होगी. हालांकि, इन दस्तावेजों को जमा करना अनिवार्य नहीं है और लेकिन ‘यदि उपलब्ध हो’ तो इन्हं- पेश करना आवश्यक है. पंजीकरण या देशीयकरण के लिए आवेदन आवेदक द्वारा ‘इलेक्ट्रॉनिक रूप’ में केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित जिला स्तरीय समिति के माध्यम से अधिकार प्राप्त समिति को प्रस्तुत किया जाएगा.