मिल्कीपुर में बंपर वोटिंग, क्या बदल रहा समीकरण?…

Milkipur Byelection: उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा सीट में हुआ उपचुनाव इस समय प्रदेश ही नहीं देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बार मिल्कीपुर में 65 फीसद से अधिक मतदान हुआ है. इतनी अधिक वोटिंग के बाद अब प्रदेश की सियासी राजनीति में पकड़ रखने वाले लोग भी परेशान हो गए हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि उपचुनाव में इतनी बंपर वोटिंग हो गई. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में 60 फीसदी से कम ही वोटिंग हुई थी लेकिन इस बंपर मतदान के बाद भाजपा नेताओं के चेहरे खिले हुए हैं.

सपा ने लगाए कई आरोप…

बता दें कि, मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने कई आरोप लगाए जैसे, बड़े पैमाने में धांधली, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग और बाहर के वोटर्स को बुलाकर फर्जी वोटिंग और बुर्का हटाकर वोटर्स चेकिंग का आरोप लगाया. इतना ही नहीं मतदान के दिन अखिलेश ने एक के बाद एक कई बार ट्वीट किए जिसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग को अपने आड़े हाथों लिया.

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आयोग से नाराज नहीं बल्कि…

अखिलेश यादव ने कहा कि मैं चुनाव आयोग से नाराज नहीं हूँ लेकिन चुनाव आयोग अपना काम नहीं कर रहा है. मिल्कीपुर का चुनाव विशेष था लेकिन यह भी चुनाव निष्पक्ष नहीं हुआ. इतना ही नहीं उन्होंने यहाँ तक कहा कि अब चुनाव आयोग मर चुका है और उसे अब कफ़न की जरूरत है.

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सेंध लगाने में सफल BJP ….

बता दें कि मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा सपा के वोट बैंक में सेंध लगाने में सफल रही है. जिसका क्रेडिट रुदौली के भाजपा विधायक रामचंद्र यादव को जाता है. इस इलाके में रामचंद्र यादव की अच्छी पकड़ है. इतना ही नहीं इस चुनाव में भाजपा के कई नेता पिछले कई महीने से जमीन से जुड़े हुए रहे ुए घर घर जाकर भाजपा के पक्ष में वोट देने को कहते रहे.